
जादूगोड़ा: मुसाबनी प्रखंड प्रमुख रामदेव हेंब्रम ने जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के मुर्गाघुट पंचायत अंतर्गत राखा कॉपर रोड के किनारे हरे-भरे 50 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई पर गहरा विरोध जताया है. उन्होंने इसे भू-माफियाओं द्वारा भूमि कब्जाने की साजिश बताया और तत्काल वन विभाग से कठोर कार्रवाई की मांग की. रामदेव हेंब्रम के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया.
आंदोलन की चेतावनी
प्रखंड प्रमुख ने कहा कि यदि दोषियों के विरुद्ध शीघ्र कार्रवाई नहीं होती, तो जन आंदोलन छेड़ा जाएगा. उन्होंने जंगल की अवैध कटाई को पर्यावरण और स्थानीय स्वामित्व पर सीधा हमला करार दिया. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व जिला परिषद सदस्य सुखलाल हेंब्रम, ग्राम प्रधान लिटा मुर्मू, वन अधिकार सचिव बिक्रम सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष विनोद सिंह और जिला मंत्री रोहित सिंह शामिल थे.
वन विभाग की सफाई : ‘कटाई रैयत भूमि पर हुई’
वन विभाग के कर्मियों ने सफाई देते हुए कहा कि पेड़ों की कटाई रैयत भूमि पर की गई है और इसकी जानकारी अंचलाधिकारी और डीएफओ को पूर्व से थी. विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जमीन गैर-वन क्षेत्र में आती है, तो विभाग कार्रवाई करने में असमर्थ है.
जमीन पर विवाद, जंगल पर निशाना
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विवादित जमीन नीलानंदिनी नंदी की बताई जा रही है. इस भूमि को लेकर हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड और रैयत के बीच पहले से न्यायालय में विवाद चल रहा है. ऐसे में कई लोग कथित दावों के आधार पर भूमि पर कब्जा करने हेतु पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं.
करोड़ों के पेड़ काटे गए, प्रशासन मौन क्यों?
यह सवाल उठाया जा रहा है कि वन विभाग और अंचल प्रशासन की जानकारी के बावजूद पेड़ों की इतनी बड़ी संख्या में कटाई कैसे हो गई. जिन पेड़ों की बाजार कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है, उन्हें काटकर इलाके के पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर गहरा आघात पहुंचाया गया है.
क्या होगा अगला कदम?
जमीनी विवाद की आड़ में भविष्य में हिंसक संघर्ष की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. जब तक प्रशासन इस कटाई और कब्जे की घटनाओं पर पारदर्शिता के साथ जवाब नहीं देता, तब तक राखा कॉपर क्षेत्र में असंतोष की आग सुलगती रहेगी.
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