
जमशेदपुर: पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार सिंहभूम जिला भोजपुरी साहित्य परिषद के अध्यक्ष अरबिंद विद्रोही के नेतृत्व में कई भाषायी संगठनों के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त की अनुपस्थिति में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपकर शिक्षक पात्रता परीक्षा में स्थानीय भाषा से भोजपुरी, मैथली, मगही एवं अंगिका को शामिल करने की पुरजोर मांग की।
भाषायी संगठन के लोग आंदोलन को बाध्य होंगे
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि झारखंड के गठन से पहले यह एकिकृत बिहार हुआ करता था,इस झारखंड राज्य निर्माण की लड़ाई में सभी समाज एवं भाषा के लोगों का अहम योगदान है।सभी ने कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन में अपना खून पसीना लगाया है और मुकदमा दर्ज के साथ साथ जेल भी गए है तब जाकर ये सुनहरा झारखंड बना है। आज यहां भोजपुरी एवं अन्य भाषा के नाम पर उपेक्षित करना सरासर अन्याय है, इसलिए भोजपुरी एवं अन्य भाषा भाषी यह मांग करते है कि भोजपुरी, मैथली,मगही एवं अंगिका को शिक्षक पात्रता परीक्षा में अविलंब शामिल करें।अन्यथा सभी भाषायी संगठन के लोग आंदोलन को बाध्य होंगे।
ये थे शामिल
मांगपत्र सौपने वालों में प्रदीप सिंह भोजपुरिया,अप्पू तिवारी,कौलेश्वर पांडेय,यमुना तिवारी हर्षित,मुन्ना चौबे,मिथिलेश प्रसाद श्रीवास्तव,शशि भूषण मिश्रा,मसूद खान,उदय प्रताप हयात,डॉ0 अजय किशोर चौबे,त्रिलोक नारायण सिंह, बलविंदर सिंह,जितेश तिवारी,हरिहर सिंह चौहान,अभिषेक ओझा,बिनीत मिश्रा,सोनू जी,अशोक राय,योगेंद्र सिंह इत्यादि भारी संख्या में लोग शामिल थे।
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