जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की पहल पर मिर्गी रोगियों की पहचान और उपचार के लिए एक नई पहल की है। प्रोजेक्ट ‘उल्लास’ के अंतर्गत घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में 5 और 6 अगस्त को विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन होगा।
यह शिविर जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा एम्स, नई दिल्ली के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इसके तहत 7 और 8 अगस्त को चिकित्सकों, सीएचओ, सहिया और एएनएम को मिर्गी रोग प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल ने बताया कि शिविर का उद्देश्य मिर्गी से जुड़ी जागरूकता फैलाना, समय पर पहचान और इलाज सुनिश्चित करना तथा समाज में फैली गलत धारणाओं को खत्म करना है। इसका लक्ष्य रोगियों को नियमित दवा उपलब्ध कराकर उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है।
इस शिविर में मिर्गी की जांच और पुष्टि, विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा परामर्श, दवाइयों की उपलब्धता और मानसिक सहयोग जैसी सेवाएं दी जाएंगी। बच्चों और वयस्कों के लिए अलग-अलग परामर्श की व्यवस्था होगी। साथ ही, रोगियों और सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों का एक सपोर्ट ग्रुप भी बनाया जाएगा।
शिविर के सफल संचालन के लिए डीआरसीएचओ डॉ. रंजीत पांडा को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। साथ ही, दो मनोचिकित्सक, एक शिशु रोग विशेषज्ञ और दो अन्य चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो अपनी सेवाएं शिविर में देंगे।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने उम्मीद जताई है कि इस प्रयास से मिर्गी रोगियों को बेहतर इलाज, सहयोग और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिलेगी।