
चांडिल: सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत नीमडीह थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर, आदरडीह, चालियामा जैसे गांवों में अवैध नकली लॉटरी का व्यापार अपने चरम पर है. झारखंड सरकार द्वारा राज्य में लॉटरी पर सख्त प्रतिबंध के बावजूद, यह कारोबार बेरोकटोक चल रहा है.
बाहरी नेटवर्क से संचालित हो रहा है सिंडिकेट
सूत्रों के अनुसार, यह अवैध लॉटरी कारोबार धनबाद और पश्चिम बंगाल से संचालित हो रहा है. नीमडीह क्षेत्र में दो प्रमुख किंगपिन इस नेटवर्क को चला रहे हैं. इनमें से एक पश्चिम सिंहभूम का मूल निवासी बताया जा रहा है, जो स्थानीय एजेंटों के माध्यम से लॉटरी को होटल, पान दुकान, सैलून जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर बिकवाता है. दूसरा किंगपिन पश्चिम बंगाल के बलरामपुर (पुरुलिया) का निवासी है, जो झारखंड में अपने एजेंटों के जरिये लॉटरी का व्यापार फैला रहा है.
गरीब मजदूर वर्ग बन रहा शिकार
इस अवैध धंधे की सबसे बड़ी मार गरीब और मेहनतकश तबके पर पड़ रही है. लॉटरी के लालच में आकर दिहाड़ी मजदूर, ऑटो चालक, सब्जी विक्रेता, दुकानदार जैसे लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं. नकली लॉटरी के नाम पर उन्हें केवल भ्रम और नुकसान मिलता है.
युवाओं में बढ़ रही लत, प्रशासन मौन
अवैध लॉटरी का यह जाल केवल आर्थिक नुकसान नहीं पहुंचा रहा, बल्कि सामाजिक रूप से भी युवाओं को भ्रमित और बर्बाद कर रहा है. नीमडीह थाना क्षेत्र में प्रशासन की निष्क्रियता और लॉटरी माफियाओं की पकड़ ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है.
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