
जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) मद से पांच अत्याधुनिक एम्बुलेंस सदर अस्पताल को प्रदान किए हैं. इन एम्बुलेंसों को औपचारिक रूप से जमशेदपुर सदर अस्पताल परिसर से रवाना किया गया.
इस अवसर पर झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा, साक्षरता एवं निबंधन विभाग के मंत्री रामदास सोरेन, विधायक सरयू राय, संजीव सरदार, पूर्णिमा साहू, उपायुक्त अनन्य मित्तल, जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू और उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा उपस्थित थे. सभी ने एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
जनस्वास्थ्य के लिए प्रशंसनीय योगदान
मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं प्रत्येक नागरिक का अधिकार हैं. उन्होंने यूसीआईएल के इस योगदान को एक प्रशंसनीय कदम बताया, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों में समय पर चिकित्सा सुविधा पहुंचाई जा सकेगी. यह पहल न केवल इमरजेंसी सेवा को सुदृढ़ करेगी बल्कि ग्रामीण जनजीवन में भरोसा भी बढ़ाएगी.
डुमरिया को मिली मेडिकल मोबिलिटी यूनिट
इस योजना के तहत डुमरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को टाटा विंगर मेडिकल मोबिलिटी यूनिट (MMU) एम्बुलेंस प्रदान की गई है. यह वाहन प्राथमिक चिकित्सा, इमरजेंसी सेवाओं और त्वरित मरीज परिवहन सुविधा से सुसज्जित है. पोटका क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में इससे स्वास्थ्य सुविधा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है.
पोटका विधायक संजीव सरदार ने इसे अपने क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि वर्षों से प्रयास था कि यहां के लोगों को भी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो. यह एम्बुलेंस निश्चित रूप से क्षेत्रवासियों के लिए जीवन रक्षक साबित होगी.
इन क्षेत्रों को मिली स्वास्थ्य सुविधा
यूसीआईएल की ओर से निम्नलिखित स्वास्थ्य केंद्रों को एम्बुलेंस मुहैया कराई गई:
सदर अस्पताल/जुगसलाई: एक ALS (एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट) एम्बुलेंस
सीएचसी मुसाबनी: एक ALS और एक MMU एम्बुलेंस
सदर अस्पताल/IDSP कार्यालय: एक MMU एम्बुलेंस
सभी एम्बुलेंस को अस्थायी पंजीकरण और बीमा के साथ तत्काल सेवा में लगाया गया है, जिससे किसी प्रकार की तकनीकी रुकावट न आए.
जिला प्रशासन ने जताया आभार
सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, डीआरसीएचओ डॉ. रंजीत पांडा समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने यूसीआईएल की इस पहल की सराहना करते हुए इसे एक ‘जीवनदायिनी प्रयास’ बताया. जिला प्रशासन ने भी उम्मीद जताई कि इससे जिले की आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था अधिक प्रभावी बनेगी.
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