
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में दो महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। कुल ₹6405 करोड़ की लागत वाली इन परियोजनाओं में एक झारखंड में कोडरमा–बरकाकाना रेल लाइन का दोहरीकरण है, जबकि दूसरी योजना कर्नाटक और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाली बेल्लारी–चिकजाजुर रेल लाइन के दोहरीकरण से संबंधित है।
क्या होंगे इन परियोजनाओं के व्यापक लाभ?
सरकार के अनुसार, इन रेल योजनाओं से संबंधित क्षेत्रों में क्षेत्रीय विकास, स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, माल परिवहन की क्षमता में वृद्धि और ट्रेनों की आवाजाही में समय की बचत होगी। साथ ही इससे पर्यावरणीय लाभ भी अपेक्षित हैं, क्योंकि यह परियोजनाएं ऊर्जा दक्षता और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद करेंगी।
झारखंड को क्या मिलेगा फायदा?
कोडरमा–बरकाकाना रेल मार्ग झारखंड के कोयला और खनिज संसाधनों से समृद्ध क्षेत्र से होकर गुजरता है। दोहरीकरण से मालगाड़ियों की संख्या और गति में सुधार होगा, जिससे उद्योगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
दक्षिण भारत में कनेक्टिविटी को मिलेगा बल
बेल्लारी–चिकजाजुर मार्ग का दोहरीकरण कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बीच सुविधाजनक और निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करेगा। यह क्षेत्र खनिज और कृषि उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। दोहरीकरण से इन संसाधनों की ढुलाई तेज़ और किफायती होगी।
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