रांची: झारखंड में एक बार फिर नगर निगम चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में पिछड़े वर्ग के आरक्षण निर्धारण के लिए नियमावली में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। राज्य में पिछली नगर समिति के कार्यकाल समाप्त होने के डेढ़ साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन चुनाव प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी है।
झारखंड हाईकोर्ट ने पिछले महीने राज्य निर्वाचन आयोग से सवाल किया कि वह नगर निकाय चुनाव कब कराएगा। न्यायालय ने आयोग को चुनाव की तारीख बताने का आदेश दिया। पूर्व वार्ड पार्षद रोशनी खाल्को द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह सचिव वंदना दादेल और शहरी विकास विभाग के सचिव ज्ञानेंद्र कुमार अदालत में उपस्थित थे।
हाईकोर्ट ने अधिकारियों की खिंचाई की और नगर निकायों के चुनाव में धीमी गति पर असंतोष जताया। अदालत इस मामले की पुनः सुनवाई 10 नवंबर को करेगी। सूत्रों के अनुसार, दिसंबर के पहले हफ्ते तक वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन होने के बाद चुनाव अधिसूचना जारी हो सकती है। इस बार ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की संभावना भी है, जिससे सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
राज्य प्रशासन और निर्वाचन आयोग की तैयारी के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी 2026 तक नगर निकाय चुनाव संपन्न हो सकते हैं।
अब हाईकोर्ट के अगले आदेश का इंतजार है, जो चुनाव की तारीख और प्रक्रिया तय करेगा।