
जादूगोड़ा: झारखंड सरकार आम जनता को ज़मीन से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान देने के उद्देश्य से अंचल कार्यालयों को ज़िम्मेदारी सौंप चुकी है, मगर पोटका प्रखंड कार्यालय में मानो एक अलग ही “फाइल-लीला” चल रही है। झारखंड लोककल्याण मंच (जेएलकेएम) के नेता विश्वनाथ महतो बीते तीन वर्षों से अपने पूर्वजों की जमीन को ऑनलाइन कराने के लिए लगातार पोटका प्रखंड कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन समाधान की जगह अब तक उन्हें केवल निराशा हाथ लगी है।
शनिवार को जब विश्वनाथ महतो अपने आवेदन की स्थिति जानने पोटका कार्यालय पहुँचे तो चौंकाने वाली स्थिति सामने आई। उनका जादूगोड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत डोरका साईं गांव का आवेदन कोवाली पंचायत की फाइल में पड़ा मिला।
इससे स्पष्ट होता है कि पोटका अंचल कार्यालय के कर्मियों में कार्य के प्रति गंभीरता और जवाबदेही का अभाव है।
विश्वनाथ महतो ने बताया कि उन्होंने 25 सितंबर 2023 को खाता संख्या 90, 91, 15 और 16 को ऑनलाइन कराने के लिए आवेदन किया था। लेकिन आज तक इनका निष्पादन नहीं हो पाया है। केवल खाता संख्या 90 का आवेदन ही किसी तरह कोवाली पंचायत की फाइल में जाकर ‘गायब’ हो गया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर फाइलों का यही हाल रहा तो ग्रामीण कैसे उम्मीद करें कि उनकी जमीन से जुड़ी समस्याओं का निष्पादन ईमानदारी से होगा?
पोटका प्रखंड कार्यालय की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो चुका है। ऑनलाइन आवेदन संख्या हल्का 3, क्रम संख्या 217 वर्षों से लटका हुआ है।
अब देखना है कि यह आवेदन कभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चढ़ पाएगा या फाइलों में ही दम तोड़ देगा।
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