
मंडी: भाजपा सांसद और प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने ताज़ा बयान में संसद सदस्य के रूप में अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह लोगों की सेवा करेंगी. उन्होंने इसे अपने जीवन के अनुभवों से एकदम अलग बताया.
कंगना ने कहा, “यह समाज सेवा जैसा काम है, जो मेरे बैकग्राउंड का हिस्सा नहीं रहा. मुझे इसकी आदत तो पड़ रही है, लेकिन मजा नहीं आ रहा.”
जिम्मेदारियों से हो रही टकराहट
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कंगना ने बताया कि लोग किस प्रकार की शिकायतें लेकर उनके पास आते हैं. उन्होंने कहा, “कोई आता है और कहता है — ‘मेरी नाली टूटी है, ठीक करवाओ.’ तो मैं कहती हूं — मैं सांसद हूं, यह काम पंचायत का है.”
इस बयान से स्पष्ट होता है कि अभिनेत्री से नेता बनी कंगना अभी राजनीति की ज़मीनी जटिलताओं और सीमाओं से सामंजस्य बैठाने की प्रक्रिया में हैं.
जनसेवा बनाम उम्मीदों की टकराहट
कंगना का यह बयान इस बात की ओर भी इशारा करता है कि आमजन की अपेक्षाएं जनप्रतिनिधियों से किस स्तर की होती हैं, और अक्सर स्थानीय प्रशासनिक जिम्मेदारियों को भी सांसदों या विधायकों के सिर पर डाल दिया जाता है.
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