
बोकारो : झारखंड के बोकारो में 3 अप्रैल को बीएसएल (बोकारो स्टील लिमिटेड) के विस्थापितों पर सीआईएसएफ (CISF) द्वारा लाठीचार्ज किया गया, जिसमें 26 वर्षीय प्रेम महतो की मौत हो गई. यह घटना तब हुई जब विस्थापित अपने हक की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इस घटना के बाद क्षेत्र में असंतोष चरम पर पहुंच गया और प्रदर्शनकारियों ने मुआवजा व उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई.
राजनीतिक नेताओं ने की कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रशासन और सेल प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि किसी भी आंदोलन को दमन से नहीं रोका जा सकता. जिला प्रशासन और बीएसएल प्रबंधन को पीड़ित परिवार को मुआवजा व रोजगार देना चाहिए. वहीं, बेरमो विधायक ने भी घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.
क्या है पूरा मामला?
विस्थापितों का आरोप है कि उन्होंने बीएसएल को अपनी जमीन दी थी, लेकिन वर्षों बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिला. इसी को लेकर वे एडीएम बिल्डिंग के पास प्रदर्शन कर रहे थे. जब प्रदर्शनकारियों ने बीएसएल प्रबंधन से वार्ता करने की कोशिश की, तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया.
दोनों पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ी और स्थिति बेकाबू हो गई. हालात को नियंत्रित करने के लिए सीआईएसएफ ने लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए और 26 वर्षीय प्रेम महतो की मौके पर ही मौत हो गई.
इलाके में तनाव, विस्थापितों ने रखा मुआवजे का आग्रह
इस घटना के बाद से इलाके में तनावपूर्ण माहौल है. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और एक परिजन को नौकरी देने की मांग की है. स्थानीय लोग न्याय की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है.
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