
सरायकेला: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में हाल के वर्षों में जंगलों की स्थिति में सकारात्मक बदलाव आया है. वन विभाग के अनुसार, बीते वर्षों में जिले के वन क्षेत्र में 3.94 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अयोध्या पहाड़ियों सहित झालदा और बंदायन इलाकों के जंगल अब न केवल घने हो रहे हैं, बल्कि इन जंगलों में वन्यजीवों की उपस्थिति भी बढ़ रही है.
इस बदलाव के पीछे वन विभाग की सतत मेहनत और स्थानीय समुदायों की जागरूकता है. ग्रामीणों में जंगलों और वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ी है, जिससे वनों की कटाई में उल्लेखनीय कमी आई है. जंगलों के आसपास रहने वाले लोग अब वनों के सहयोगी बनकर पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
वन विभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों में शिमनी जंगल क्षेत्र में पांच तेंदुए देखे गए हैं. इनमें नर, मादा और उनके शावक शामिल हैं. यह तस्वीरें इस क्षेत्र में वन्यजीवों की उपस्थिति और उनके सुरक्षित निवास का प्रमाण हैं.
हालांकि रॉयल बंगाल टाइगर की मौजूदगी की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बुजुर्गों का कहना है कि कभी इस इलाके में बाघों की गर्जना गूंजती थी. वन विभाग बाघिन ‘जीनत’ की तलाश कर रहा है, जिसे कुछ समय पहले जंगल में देखा गया था. डीएफओ अंजन गुहा के अनुसार, यदि मौजूदा वृद्धि की गति बनी रही, तो आने वाले पांच वर्षों में जंगल सफारी में रॉयल बंगाल टाइगर को देखना संभव हो सकेगा.
वन विभाग को विश्वास है कि वन क्षेत्र की बढ़ती दर भविष्य में और अधिक सकारात्मक परिणाम लाएगी. जंगलों के विस्तार के साथ-साथ वन्यजीवों के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार किया जा रहा है.
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