Ranchi: 14 इंटर कॉलेज बंद, 20 हजार विद्यार्थियों का भविष्य अंधेरे में

Spread the love

 

रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) के मैट्रिक परीक्षा के नतीजों ने जहां पूर्वी सिंहभूम जिले के हजारों विद्यार्थियों को सफलता की खुशी दी वहीं इंटर में दाखिले की समस्या ने उनके सामने नई चिंता खड़ी कर दी है. जिले में इस साल न तो कोई नया प्लस टू स्कूल शुरू किया गया और न ही बंद हो रहे इंटर कॉलेजों का कोई विकल्प तैयार किया गया.इसका सीधा असर 20 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ रहा है.

छात्रों में दुविधा की स्थिति

राज्य के सभी इंटर कॉलेजों में दाखिले पर रोक लगा दी गई है. खासकर उन कॉलेजों में जो डिग्री कॉलेजों के साथ संचालित हो रहे हैं. यह आदेश राजभवन के निर्देश पर लागू हुआ है जिससे छात्रों में दुविधा की स्थिति बनी हुई है. जिले में फिलहाल सिर्फ 29 प्लस टू स्कूल हैं जिनमें कई दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में हैं.

करीम सिटी कॉलेज में 80% कटऑफ

कुछ कॉलेज जैसे जेकेएस, पटमदा इंटर कॉलेज और करीम सिटी कॉलेज में इंटर की पढ़ाई डिग्री सेक्शन से अलग है, इसलिए वहां एडमिशन प्रक्रिया जारी है. करीम सिटी कॉलेज ने 80% कटऑफ तय करते हुए 19 जून तक चयनित छात्रों की सूची जारी करने की घोषणा की है. पूर्वी सिंहभूम में 9 प्लस टू स्कूल ऐसे हैं जिनमें पिछले साल ही अपग्रेडेशन तो हुआ लेकिन अब तक शिक्षकों के पद स्वीकृत नहीं हुए हैं.पठन-पाठन की व्यवस्था हाई स्कूल के शिक्षकों के सहारे चल रही है.

जल्द ही एक अधिसूचना जारी होगी

राज्य में कुल 634 प्लस टू स्कूल और 291 इंटर कॉलेज हैं लेकिन छात्रों की पहली प्राथमिकता अंगीभूत कॉलेज होते हैं जहां एडमिशन बंद होने से छात्रों को ठोस जानकारी नहीं मिल रही है. राज्य सरकार ने अब इस समस्या के समाधान के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है जो छात्रों के हित में सभी पहलुओं पर विचार कर रही है.सूत्रों के मुताबिक जल्द ही एक अधिसूचना जारी हो सकती है जिसमें इस वर्ष को अंतिम मौका मानते हुए सशर्त एडमिशन की अनुमति दी जा सकती है.

20 हजार से अधिक छात्रों का भविष्य फिलहाल अनिश्चितता में

माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजेश कुमार ने कहा कि इंटर की पढ़ाई अब डिग्री कॉलेजों से अलग की जा रही है. छात्र यदि कहीं एडमिशन नहीं पा रहे हैं तो वे नजदीकी सरकारी प्लस टू स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं। सीटें उपलब्ध हैं, और शिक्षा की गुणवत्ता भी अच्छी है. अगर किसी स्कूल के उत्क्रमण का प्रस्ताव आता है तो उस पर जरूर विचार किया जाएगा. जिले के उपायुक्त ने कहा है कि पूरे मामले की गहराई से समीक्षा की जाएगी और संबंधित विभागों से रिपोर्ट मंगवाकर जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो. दसवीं पास करने के बाद 20 हजार से अधिक छात्रों का भविष्य फिलहाल अनिश्चितता में है.


Spread the love

Related Posts

Holidays in August: अगस्त में छुट्टियों की बौछार, पढ़ाई से ब्रेक – त्योहारों की बहार, छात्रों के लिए सुकून का मौका

Spread the love

Spread the loveजमशेदपुर:  अगस्त का महीना इस बार छात्रों के लिए खासा रोमांचक और राहतभरा रहने वाला है. एक तरफ़ आज़ादी का पर्व, दूसरी तरफ़ त्योहारों की कतार. स्कूलों में…


Spread the love

Jamshedpur: अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर जमशेदपुर की बेटी ने फहराया झंडा

Spread the love

Spread the loveजमशेदपुर:  जीवन के ऊंचे मुकामों तक पहुंचना सिर्फ लक्ष्य नहीं, बल्कि एक यात्रा है — और इस यात्रा को डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल की पूर्व छात्रा निशा आनंद ने…


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *