
गिरिडीह : राष्ट्रीय अंसारी एकता संगठन व बगोदर बचाओ संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वाधान में बस पड़ाव बगोदर में स्वतंत्रता सेनानी शेख भिखारी व टिकैत उमराव सिंह का 168 वां शहादत दिवस मनया गया. इस अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.
झारखंड में व्रिटिश राज का ख़त्मा के लिए स्वतंत्रता सेनानी शेख भिखारी व टिकैत उमरां सिंह ने गोरों के छक्के छुड़ा दिए थे. उक्त दोनों क्रांतिकारियों के बुलंद हौसले को देख अंग्रेजों के पसीने छुटने लगे थे. तब अंग्रेजों ने धोखे से शेख भिखारी व टिकैत उमरांव सिंह को गिरफ्तार कर लिय़ा और 8 जनवरी 1858 ई0 को उन्हें फांसी दे दी गई. उक्त दोनों महान शख्सियतों के 168 वीं शहादत दिवस पर याद करते हुए मुल्क के एकता अखंडता को महफूज रखने के लिए, त्याग व बलिदान के भावना को सामाजिक धरातल पर उतारने का संकल्प लिया गया.
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मौके पर राष्ट्रीय अंसारी एकता संगठन के प्रदेश सचिव मुमताज अंसारी ने कहा कि देश के ख़ातिर हंसते हंसते मौत को गले लगानें वाले शेख भिखारी व टिकैत उमरांव सिंह जैसे महानायक आज गुमनामी के अंधेरे में लुप्त हो गए हैं. उन्होंने शहीद शेख भिखारी व टिकैत उमरांव सिंह के नाम से स्कूल कॉलेज व हास्पिटल खोलने की मांग राज्य व केंद्र सरकार से की. कार्यक्रमक की अध्यक्षता मुमताज अंसारी ने किया जबकि बगोदर बचाओ संघर्ष समिति के विश्वनाथ साव , कुंजलाल साव, भिखीराम पासबान, राष्टीय अंसारी एकता संगठन के विधान सभा प्रभारी इमामन अंसारी, महामंत्री मौलाना हलिम अंसारी, JLkM के प्रखंड अध्यक्ष उमेश कु0 महतो, रुपलाल चौधरी, कुतुबुद्दिन अंसारी,ललिता ठाकुर, महमुद खान, मुख्तार अंसारी, मोईनुल खान, राजकुमार रवानी समेत अन्य लोग मौजूद थे.