
पश्चिम सिंहभूम: किरीबुरु खदान में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करने को लेकर सहायक श्रम आयुक्त (केंद्रीय), चाईबासा के कार्यालय में शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई. इस दौरान झारखंड मजदूर संघर्ष संघ और सेल प्रबंधन के बीच तीखी बहस देखी गई, लेकिन कोई निर्णायक समाधान नहीं निकल पाया.
बिना संशोधन लागू नहीं हो सकती बायोमेट्रिक प्रणाली: मजदूर संघ
संघ ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक स्टैंडिंग ऑर्डर में बायोमेट्रिक व्यवस्था को लेकर संशोधन नहीं किया जाता, तब तक इसे लागू करना श्रम कानूनों के विरुद्ध है. संघ का यह भी कहना है कि उपस्थिति प्रणाली सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि कर्मचारियों के वेतन और भविष्य सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय है.
प्रबंधन के जवाबों से असंतुष्ट रहा संघ
सुनवाई के दौरान जब मजदूर संघ ने विभिन्न सवाल उठाए, तो प्रबंधन की ओर से ‘नो कमेंट’ कर टालमटोल की गई. इससे कर्मचारियों में असंतोष और गहराया. वर्तमान में किरीबुरु खदान में मैनुअल उपस्थिति प्रणाली लागू है, जिसे प्रबंधन बायोमेट्रिक प्रणाली से बदलना चाहता है.
हाईकोर्ट जाने को तैयार मजदूर संघ
संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पाण्डे ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो संगठन उच्च न्यायालय का भी रुख करेगा. उन्होंने साफ कहा कि कर्मचारियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. संघ ने इस मामले को उच्च न्यायालय में भेजने के निर्णय को स्वीकार करते हुए कहा कि वह हर स्तर पर श्रमिक हितों की रक्षा के लिए संघर्ष करेगा.
श्रमिक प्रतिनिधियों से मिले झामुमो नेता
सुनवाई की सूचना पाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के चाईबासा जिलाध्यक्ष सर्किट हाउस पहुंचे और मजदूर संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार के समक्ष सभी मांगें और मुद्दे गंभीरता से उठाए जाएंगे.
स्थानीय बहाली की भी उठी मांग
सुनवाई के दौरान यह मांग भी रखी गई कि स्थानीय बहाली प्रक्रिया केवल स्थानीय रोजगार संस्था के माध्यम से ही हो. इसे भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप बताते हुए राज्य सरकार से आवश्यक कदम उठाने की अपील की गई.
बैठक में ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर झारखंड मजदूर संघर्ष संघ की ओर से केंद्रीय अध्यक्ष रामा पाण्डे, उपाध्यक्ष बुधन सिंह कुंकल, महामंत्री राजेन्द्र सिंधिया, संयुक्त महामंत्री सुनील कुमार पासवान, संगठन सचिव लखन चाम्पिया और सदस्य प्रेम कुमार उपस्थित रहे. वहीं, प्रबंधन की ओर से उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) अमित विश्वास ने पक्ष रखा.
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