नई दिल्ली: नेपाल संकट के बीच भारतीय नागरिकों की मदद के लिए बनाए गए विशेष कंट्रोल रूम में शुक्रवार को भी कॉल आती रहीं। अब तक 409 लोगों ने सहायता मांगी है, जिनमें से 251 सुरक्षित वापस आ चुके हैं। बाकी की वापसी के प्रयास जारी हैं। डीजीपी राजीव कृष्ण गृह मंत्रालय और आईबी अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं ताकि भारतीय नागरिक सुरक्षित लौट सकें।
भारत-नेपाल सीमा लगातार चौथे दिन बंद रही। नेपालगंज में उपद्रव के बाद हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। सीमा बंद होने से लगभग एक हजार ट्रक रुपईडीहा बॉर्डर पर खड़े हैं, जिनमें चावल, मक्का, दवा और रोजमर्रा की वस्तुएं लदी हैं। मुंबई, दिल्ली, शिमला और गोवा तक चलने वाली बसें यात्रियों के अभाव में सड़क किनारे खड़ी हैं।
शुक्रवार सुबह 20 से अधिक पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस टैंकर नेपाली सेना की सुरक्षा में नेपाल भेजे गए। लेकिन सप्लाई ठप होने से महंगाई चरम पर है। नेपाल में 50 रुपये का बिस्कुट पैक अब 150 रुपये का बिक रहा है, जबकि 160 रुपये वाला पैक 300 तक पहुंच गया है। गैस सिलिंडर की भारी कमी है और कई जगहों पर खाद्य तस्करी भी शुरू हो गई है।
सीमा से सटे नेपाली गांवों में हाल की हिंसा के बाद सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। पांच लोगों के एक साथ बाहर निकलने पर रोक लगाई गई है और शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू जैसी स्थिति है। सेना लगातार गांवों में गश्त कर रही है, वहीं भारतीय इलाके में एसएसबी और पुलिस पूरी तरह चौकस है।
अधिकारियों का कहना है कि यदि बॉर्डर जल्द नहीं खुला तो नेपाल में खाद्य और दवाओं की भारी किल्लत हो सकती है। भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए भी लगातार प्रयास जारी हैं।
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