
जमशेदपुर: समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में विधि संबंधी समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में जिले में उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, सिविल कोर्ट तथा अन्य न्यायालयों में लंबित मामलों की विस्तृत समीक्षा की गई.
बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल, सरकारी अधिवक्ता (जी.पी.), लोक अभियोजक, सहायक लोक अभियोजक, विधि शाखा के प्रभारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे. अधिकारियों ने विभिन्न श्रेणियों के लंबित मामलों पर अपने-अपने विभाग की स्थिति प्रस्तुत की.
इन मामलों पर रही विशेष चर्चा
क्रिमिनल केस, पोक्सो (POCSO), अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC-ST) से जुड़े मामले, सिविल केस और अवमानना वादों पर विशेष चर्चा की गई. लंबित मामलों की संख्या और प्रगति का समग्र मूल्यांकन करते हुए शीघ्र निपटान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए.
अपील दायर करने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
बैठक में लोक अभियोजक द्वारा एक महत्वपूर्ण अपील दायर करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया जिसे स्वीकृति दी गई. तय किया गया कि इस अपील को उच्च न्यायालय में दायर किया जाएगा, ताकि न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके.
विभागों को दिए गए स्पष्ट निर्देश
विभागवार लंबित वादों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सभी वादों के तथ्यात्मक विवरण समयबद्ध ढंग से उपायुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराएं. साथ ही ऐसे मामलों में, जिनमें निचली अदालतों ने निर्णय सुना दिया है और अपील की संभावना है, उनके संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया.
त्वरित निस्तारण पर जोर
जिला दण्डाधिकारी ने कहा कि न्यायालयों में लंबित वादों की स्थिति का निरंतर मूल्यांकन किया जाए तथा त्वरित एवं उचित निपटान सुनिश्चित किया जाए, ताकि न्यायिक प्रक्रियाएं प्रभावी रूप से संचालित हो सकें और आम नागरिकों को शीघ्र न्याय मिल सके.
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