Ayodhya: राम दरबार की स्थापना का शुभारंभ, स्वर्ण कलशों से दमके मंदिर के शिखर- 3 जून से होगी दूसरी प्राण-प्रतिष्ठा

अयोध्या: राम भक्तों का वर्षों पुराना सपना आज साकार होता दिख रहा है. अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में रामलला की प्रतिष्ठा के बाद अब भव्य राम दरबार का आयोजन प्रारंभ हो चुका है. प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत आज प्रायश्चित कर्म पूजा और महिलाओं की जलकलश यात्रा के साथ हुई.

सरयू तट से सैकड़ों महिलाओं ने पुण्य सलिला का जल कलशों में भरकर यज्ञशाला की ओर मंगल यात्रा निकाली. यह यात्रा पुराने सरयू पुल के पूर्वी तट से शुरू होकर वीणा चौक, रामपथ, श्रृंगार हाट, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, रामकोट और रंगमहल बैरियर होते हुए सायं 6:30 बजे यज्ञशाला पहुंचकर सम्पन्न हुई.

इस दौरान मंदिर के सभी शिखरों पर स्वर्ण कलश स्थापित किए गए, जिन्हें दूर से देखा जा सकता है.

वैदिक अनुष्ठानों की पावन श्रृंखला आरंभ
प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान वैदिक विधानों के अनुसार तीर्थराज प्रयाग, काशी, देवप्रयाग, हरिद्वार, अयोध्या सहित अन्य पवित्र स्थलों से आए 101 ऋत्विजों की उपस्थिति में हो रहे हैं. आयोजन के मुख्य यज्ञाचार्य काशी के पं. जयप्रकाश त्रिपाठी होंगे. उनके साथ पं. चन्द्रभानु शर्मा (दिल्ली), पं. अमरनाथ ब्रह्मा (बस्ती) और अन्य विद्वान यज्ञों का संचालन करेंगे.

3 जून को सुबह 6:30 बजे से मुख्य प्राण प्रतिष्ठा आरंभ होगी. यह आयोजन पांच जून तक चलेगा. इन तीन दिनों में राम दरबार सहित शिव, गणेश, हनुमान, सूर्य, भगवती, अन्नपूर्णा और शेषावतार मंदिरों में देव विग्रहों की प्रतिष्ठा संपन्न कराई जाएगी.

मुख्य अनुष्ठान पांच जून को सुबह 11:25 बजे होगा, जिसके बाद भोग और आरती का आयोजन किया जाएगा. यह शुभ संयोग है कि उसी दिन गंगा दशहरा भी है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन भी.

अनुष्ठान की सभी तैयारियां पूर्ण, भक्तों में उमंग
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के समन्वयक शैलेन्द्र शुक्ल ने बताया कि यज्ञमंडप की सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई हैं. आवश्यक वैदिक सामग्री भी सुनिश्चित कर दी गई है. आयोजन धार्मिक परंपरा, शुद्धता और श्रद्धा को ध्यान में रखकर संचालित किया जा रहा है.

तीन और चार जून को अनुष्ठान सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक चलेंगे. समापन दिवस पांच जून को कार्यक्रम दोपहर 1 बजे तक संपन्न होंगे.

अयोध्या में मांस और शराब पर प्रतिबंध की पहल
राम दरबार की प्रतिष्ठा के इस पावन अवसर पर अयोध्या प्रशासन ने शहर को पूर्णतः धार्मिक वातावरण में ढालने की दिशा में पहल की है. राम पथ, धर्म पथ, 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर मांस की बिक्री प्रतिबंधित करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

खाद्य सुरक्षा अधिकारी मानिक चंद ने बताया कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में इस मुद्दे को उठाया गया था. निरीक्षण के दौरान 22 मांस की दुकानें चिन्हित की गईं. दुकानदारों को नोटिस जारी कर सात दिन में दुकानें स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है.

शराब बिक्री पर भी लगेगा प्रतिबंध
अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने बताया कि इन धार्मिक मार्गों पर शराब की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने की योजना है. उन्होंने कहा कि यह मांग काफी समय से उठ रही थी और अब इसे साकार करने का समय आ गया है.

 

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