
नई दिल्ली: बिन्नी के बाद BCCI के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा. वे जुलाई के मध्य तक पदभार ग्रहण कर सकते हैं. स्थायी अध्यक्ष का चयन BCCI की वार्षिक आम सभा (AGM) में सितंबर में होगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी जुलाई में 70 वर्ष के हो जाएंगे. BCCI के नियमों के अनुसार, इस उम्र के बाद कोई भी पदाधिकारी अपने पद पर बने नहीं रह सकता. ऐसे में बिन्नी 19 जुलाई के बाद इस जिम्मेदारी से अलग हो जाएंगे.
क्या कहता है BCCI का संविधान?
BCCI के नियमों के अनुसार, कोई भी पदाधिकारी 70 वर्ष की आयु पार करने के बाद पद पर बने रहने का अधिकारी नहीं होता. ऐसे में अध्यक्ष पद खाली होने की स्थिति में सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंतरिम अध्यक्ष का कार्यभार संभालता है, जब तक कि चुनाव न हो जाए.
क्रिकेट प्रशासन में राजीव शुक्ला का पुराना अनुभव
राजनीति और क्रिकेट दोनों क्षेत्रों में सक्रिय राजीव शुक्ला का बोर्ड में लंबा अनुभव रहा है. वे 2020 से BCCI के उपाध्यक्ष हैं. इससे पूर्व वे 2010 से 2018 तक IPL के चेयरमैन रह चुके हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के सचिव के रूप में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं. उनका प्रशासनिक अनुभव उन्हें अंतरिम अध्यक्ष के रूप में एक मजबूत दावेदार बनाता है.
बिन्नी का अध्यक्षीय कार्यकाल: उपलब्धियों से भरपूर
रोजर बिन्नी का कार्यकाल कई ऐतिहासिक उपलब्धियों से जुड़ा रहा. उनके नेतृत्व में भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ने 2024 में T20 विश्व कप और 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की. भारत ने 2023 में घरेलू ज़मीन पर हुए ODI विश्व कप के फाइनल में भी जगह बनाई.
महिला क्रिकेट के क्षेत्र में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई. उनके कार्यकाल में ही Women’s Premier League की शुरुआत हुई, जिसने महिला क्रिकेट को नई पहचान दी.
विवादित लेकिन प्रभावी रहा यह फैसला
बिन्नी के सबसे चर्चित निर्णयों में से एक था – BCCI के केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य बनाना. इस नियम के उल्लंघन पर ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को अनुबंध से बाहर कर दिया गया. यह निर्णय खिलाड़ियों में अनुशासन और प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया था.
एक खिलाड़ी के रूप में बिन्नी की चमक
रोजर बिन्नी ने अपने क्रिकेट करियर में भारत के लिए 27 टेस्ट और 72 वनडे मैच खेले. उन्होंने क्रमशः 47 और 77 विकेट लिए. 1983 के ऐतिहासिक विश्व कप में उन्होंने 18 विकेट झटक कर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई. वे उस टूर्नामेंट के सबसे सफल भारतीय गेंदबाज थे.
BCCI में लगातार हो रहे हैं बड़े बदलाव
BCCI के प्रशासन में इस साल की शुरुआत में एक और महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ. जय शाह के ICC चेयरमैन बनने के बाद देवजीत सैकिया को नया सचिव नियुक्त किया गया. इससे स्पष्ट है कि BCCI में नेतृत्व के नए युग की शुरुआत हो रही है.
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