New Delhi: केन्द्रीय बैंक ने बीते वर्ष 353 बैंकों और वित्तीय संस्थाओं पर 54.78 करोड़ का जुर्माना ठोका

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मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म, यूपीआई सेवा सभी ऐप पर उपलब्ध.

नई दिल्ली: पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) ने बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों (Banks and other financial institutions) पर जमकर जुर्माने लगाए। केंद्रीय बैंक ने कुल 353 बैंकों और वित्तीय कंपनियों (353 banks and financial companies) पर कार्रवाई की . जुर्माने की कुल रकम 54.78 करोड़ रुपये है. आरबीआई की वर्ष 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, “वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, विभाग ने विनियमित इकाइयों के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई की और समय-समय पर रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए कुछ निर्देशों और कानूनों के प्रावधानों के उल्लंघन/गैर-अनुपालन के लिए कुल 54.78 करोड़ रुपये के 353 जुर्माने लगाए.”

 

इनमें 8 सरकारी और 6 विदेशी बैंक है शामिल

जुर्माना लगने का कारण

बैंक और अन्य संस्थान जरूरी नियमों का पालन नहीं कर रहे थे. जिसमें, साइबर हमलों से बचाव (साइबर सुरक्षा) ठीक न होना. जोखिम का ठीक से प्रबंधन न करना. ग्राहकों की पहचान ठीक से न जांचना (KYC – अपने ग्राहक को जानें)
धोखाधड़ी की घटनाओं को ठीक से रिपोर्ट न करना या उनका वर्गीकरण न करना.ग्राहकों के कर्ज(उधार) की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो (CRILC, CIC) को सही तरीके से न पालन करना

बैंकों और कंपनियों पर जुर्माने की रकम

* सहकारी बैंक (Co-operative Banks) 264 सहकारी बैंकों पर कुल 15.63 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा.

* बड़े बैंक (सार्वजनिक और निजी)
सरकारी बैंक (PSBs): 8 बैंकों पर 11.11 करोड़ रुपये.

•निजी बैंक: 15 बैंकों पर 14.8 करोड़ रुपये.

•विदेशी बैंक: 6 बैंकों पर भी जुर्माना लगा (रकम रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं, लेकिन कुल 353 में शामिल).

* गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियाँ (NBFCs) और एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियाँ (ARCs): 37 कंपनियों पर कुल 7.29 करोड़ रुपये का जुर्माना.

* हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (HFCs): 13 कंपनियों पर 83 लाख रुपये का जुर्माना.

RBI ने पिछले वित्तीय साल (2024-25) में बैंकों और वित्तीय कंपनियों को उनकी गलतियों और नियम तोड़ने की वजह से पकड़ा और सख्ती दिखाई. सबसे ज्यादा निशाने पर सहकारी बैंक रहे। RBI की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

खातों में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म

अब खाते में मिनिमम बैलेंस न रहने पर जुर्माना नहीं लगेगा
सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक ने सभी प्रकार के बचत खातों में औसत मासिक राशि (MB) की जरूरत को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. इसके तहत बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस से कम जमा होने पर खाताधारक पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा . इसमें बचत खाते, वेतन खाते, एनआरआई बचत खाते आदि शामिल हैं. यह आदेश एक जून, 2025 से प्रभावी हो गया है. इससे पहले, पहले ब्रांच श्रेणी के अनुसार 500 से 2,000 रुपये तक न्यूनतम बैलेंस अनिवार्य था. इन मानदंडों को पूरा नहीं करने पर जुर्माना लगाया जाता था. इस कदम से वेतनभोगी व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और पहली बार बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करने वालों सहित केनरा बैंक के लाखों ग्राहकों को लाभ मिलने की उम्मीद है.

यूपीआई सर्किल सुविधा सभी ऐप पर

राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने यूपीआई सर्कल सुविधा को अब पेटीएम, फोन-पे और गूगल-पे जैसे ऐप्स पर उपलब्ध करा दिया है। इससे पहले यह सुविधा केवल भीम ऐप तक ही सीमित थी.
इस सुविधा के इसके तहत एक यूपीआई खाते से पांच लोग भुगतान कर सकते हैं। इसके लिए मूल उपयोगकर्ता को पांच भरोसेमंद लोगों को अपने यूपीआई खाते से जोड़ना होगा। ये लोग इस खाते से किसी को भी रकम भेज सकते हैं. खासकर परिवार के बुजुर्ग लोग इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं.

यह भी पढ़ें : Jamshedpur: जातिगत जनगणना से पहले लोगों को जाती प्रमाण-पत्र जारी करने की मांग राज्यपाल से की गई


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