
गुवा: एमबीए की पढ़ाई पूरी कर चुके पत्रकार सिद्धार्थ पांडेय फिलहाल मलेशिया में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. फादर्स डे के अवसर पर उन्होंने विदेश प्रवास से अपने अनुभव साझा करते हुए पिता के प्रति अपने भावपूर्ण विचार व्यक्त किए.
सिद्धार्थ ने बताया कि वे हाल ही में मलेशिया से थाईलैंड यात्रा पर गए थे. वहां की समुद्री जलवायु और पर्यटन स्थलों का आनंद उन्होंने अपने बड़े भाई के साथ लिया. यात्रा के दौरान उन्होंने तकनीकी रूप से खुद को अपडेट करने के कई उपाय अपनाए, जिससे डिजिटल रूप से लाइव जुड़ाव को बेहतर बना सकें.
“माँ-पापा से दूर रहना भावनात्मक अनुभव”
सिद्धार्थ ने कहा कि माँ-पिता से दूर रहना उनके लिए एक अनोखा और भावनात्मक अनुभव रहा. हालांकि वे इस समय को आत्मनिरीक्षण और स्वतंत्रता के रूप में ले रहे हैं, लेकिन माता-पिता की उपस्थिति की अहमियत को पहले से कहीं अधिक गहराई से महसूस कर पा रहे हैं.
पिता: बच्चों के जीवन की अदृश्य नींव
फादर्स डे पर अपने संदेश में सिद्धार्थ ने कहा—
“पिता अपने बच्चों को ताकत, दयालुता और प्यार का सच्चा अर्थ सिखाते हैं. वे हर छोटी-छोटी बात में हमारे लिए जो करते हैं, वह शायद हम तब नहीं समझ पाते, लेकिन समय के साथ उनका मूल्य और स्पष्ट हो जाता है.”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि पिता का मार्गदर्शन और स्नेह एक ऐसी अदृश्य शक्ति होती है, जो जीवन की सबसे कठिन राहों पर भी साहस और विवेक देती है.
फादर्स डे की अंतरराष्ट्रीय महत्ता
सिद्धार्थ ने याद दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय फादर्स डे हर साल जून के तीसरे रविवार को भारत समेत अमेरिका, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम में मनाया जाता है. यह दिन हमें उन पिता को सम्मान देने का अवसर देता है, जिनके बलिदान और मार्गदर्शन से हम अपने जीवन की राह चुन पाते हैं.
इसे भी पढ़ें : Patamda: टॉपर्स सम्मान समारोह में बोले राजकुमार सिंह – माता-पिता जीवन के पहले आदर्श