
पटना: बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के विरोध में पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव ने 9 जुलाई को बिहार बंद का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि उस दिन चुनाव आयोग कार्यालय का घेराव भी किया जाएगा.
“गरीबों के वोटिंग अधिकार पर हमला”
पप्पू यादव ने इस पुनरीक्षण प्रक्रिया को गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के वोटिंग अधिकार पर हमला करार दिया. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से अपील करते हुए कहा कि “सरकार BLO को दबाव में रखकर ग़रीबों के नाम मतदाता सूची से हटवाना चाहती है.” उन्होंने जनता से अपील की कि अगर BLO गाँव में आएं तो उन्हें कोई सहयोग न करें, बल्कि प्रेम से विरोध करें.
“मूल दस्तावेज़ की शर्त असंवैधानिक”
चुनाव आयोग द्वारा जारी विशेष पुनरीक्षण आदेश में मतदाताओं से जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मूल निवास प्रमाण-पत्र या 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई सरकारी दस्तावेज़ की माँग की गई है. इस पर पप्पू यादव का कहना है कि यह प्रक्रिया गरीब तबके को मताधिकार से वंचित करने की साजिश है. उन्होंने इसे संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग की संज्ञा दी और चेतावनी दी कि “अगर जरूरत पड़ी तो जान देकर भी इस अधिकार की रक्षा करेंगे.”
कांग्रेस से सहयोग की उम्मीद, हाई कोर्ट में मामला दर्ज होगा
पप्पू यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वह इस मुद्दे पर कांग्रेस के प्रभारी नेताओं से बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस संघर्ष में वे विपक्ष के साथ खड़े हैं और इसे लोकतंत्र की निर्णायक लड़ाई बताया.
सरकार पर गंभीर आरोप
पूर्व सांसद ने केंद्र और राज्य की NDA सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “सरकार लोकतंत्र और संविधान के मूलाधिकारों को छीनना चाहती है. मुझे मरना मंजूर है, लेकिन बिहारियों का अधिकार कोई छीन ले, यह स्वीकार नहीं.”
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