नई दिल्ली: पंजाब में बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। शनिवार को टूटे धुस्सी बांधों की मरम्मत रविवार को भी दिनभर चलती रही। सेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। राज्य के सभी 23 जिलों के 2050 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। अब तक 3.87 लाख लोग बेघर हो चुके हैं और करीब 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि 1,76,980 हेक्टेयर से ज्यादा फसल डूब गई है। अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पठानकोट जिले से तीन लोग लापता हैं।
आज से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज
पंजाब सरकार ने 8 सितंबर से सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक संस्थान और आईटीआई खोलने का फैसला लिया है।सोमवार को सरकारी स्कूलों में सिर्फ शिक्षक आएंगे और नुकसान का आकलन करेंगे।
9 सितंबर से विद्यार्थी स्कूल जाएंगे।
निजी स्कूल सोमवार से ही शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए खुल जाएंगे। शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने निर्देश दिया है कि स्कूल प्रबंधन भवन और कक्षाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें। अगर कहीं नुकसान हुआ है तो इसकी रिपोर्ट तुरंत प्रशासन को दी जाए।
अमृतसर में 175 स्कूलों को भारी नुकसान
अमृतसर जिले में बाढ़ ने शिक्षा ढांचे को बुरी तरह प्रभावित किया है। सीमावर्ती क्षेत्र के 175 सरकारी स्कूलों की इमारतें और फर्नीचर खराब हो गए हैं। कई स्कूलों की दीवारें गिर गईं और सामान नष्ट हो गया। प्राथमिक रिपोर्ट के मुताबिक, 135 सरकारी एलिमेंट्री स्कूलों में 29 करोड़ से ज्यादा और करीब 40 हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 25 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर जिले के स्कूलों को अब तक लगभग 54 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। जिला शिक्षा अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि वास्तविक नुकसान का अनुमान जलस्तर कम होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। रिपोर्ट डीसी साक्षी साहनी को भेज दी गई है ताकि हालात सामान्य होते ही नवीनीकरण का काम शुरू किया जा सके।
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