अयोध्या: रामनगरी अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर के प्रसाद में मिलावट सामने आई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) की जांच में यह खुलासा हुआ कि हनुमंत लला को अर्पित किए जाने वाले बेसन के लड्डू और देसी घी शुद्ध नहीं हैं। विभाग ने कुल तीन नमूने जांच के लिए लिए थे, जिनमें से दो फेल पाए गए।
अयोध्या आने वाले लगभग 99 प्रतिशत श्रद्धालु हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन करते हैं। राम जन्मभूमि परिसर में प्रसाद ले जाने पर रोक है, लेकिन कनक भवन और हनुमानगढ़ी में भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार भोग प्रसाद चढ़ाते हैं। हनुमानगढ़ी में परंपरागत रूप से बेसन के लड्डू अर्पित किए जाते हैं।
हनुमानगढ़ी के सागरिया पट्टी के उत्तराधिकारी महंत संजय दास ने पहले ही प्रसाद विक्रेताओं को चेतावनी दी थी कि लड्डू केवल उच्च क्वालिटी के बेसन और देसी घी से बनाए जाएं। लड्डू का रेट भी 450 से 500 रुपये प्रति किलो तय किया गया था। बावजूद इसके जांच में मिलावट सामने आई है।
सहायक आयुक्त खाद्य मानिक चंद्र सिंह ने बताया कि विभाग ने 31 दुकानों से नमूने लिए थे। बेसन और देसी घी के दो नमूने फेल पाए गए। देसी घी में रैसिडिटी (बासीपन) अधिक पाई गई। इसके अलावा कुछ दुकानदार कृत्रिम रंग भी प्रसाद में मिला रहे थे।
सख्त निर्देश दिए गए हैं कि प्रसाद में कोई रंग न मिलाया जाए, वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दीपावली के मौके पर FDA टीम बाजारों में खोया, पनीर, बेसन और अन्य खाद्य सामग्री की निगरानी कर रही है ताकि नकली और मिलावटी उत्पादों की बिक्री रोकी जा सके।
कुछ ही घंटों में अपने पहले बयान से पलटते हुए सहायक आयुक्त ने कहा कि Food Safety on Wheels टीम हनुमानगढ़ी के पास तैनात की गई थी। शृंगार हाट के पास दुकानों की चेकिंग में लड्डू में रंग की मात्रा अधिक पाई गई, और दुकानदारों को रंग न मिलाने के लिए जागरूक किया गया।
भक्तों के लिए यह चेतावनी है कि मंदिर प्रसाद की गुणवत्ता पर नजर रखी जा रही है। विभाग ने साफ कहा है कि शुद्धता और स्वास्थ्य सुरक्षा सर्वोपरि हैं।
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