नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने एशिया कप विजेता ट्रॉफी को भारतीय टीम को नहीं सौंपे जाने पर एशिया क्रिकेट परिषद (एसीसी) में कड़ा विरोध जताया है। भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर नौवीं बार एशिया कप जीत लिया था, लेकिन ट्रॉफी वितरण समारोह विवादों में घिर गया।
भारतीय खिलाड़ियों ने एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद पुरस्कार समारोह बिना ट्रॉफी के खत्म कर दिया गया। बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने बताया कि नकवी ट्रॉफी अपने होटल के कमरे में ले गए हैं। बोर्ड अब इस मुद्दे को आईसीसी में शिकायत के तौर पर उठाएगा।
सूत्रों के अनुसार, नकवी पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं और भारत विरोधी बयानों के लिए जाने जाते हैं। बीसीसीआई का कहना है कि नकवी ट्रॉफी वितरण के दौरान स्टेज से नहीं हटे, जबकि भारतीय टीम ने पहले ही निर्णय ले रखा था। देवजीत सैकिया ने खिलाड़ियों के कदम का समर्थन किया और कहा कि यह पूरी तरह सही था।
एसीसी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और पूर्व कोषाध्यक्ष आशीष शेल्लार ने बोर्ड का प्रतिनिधित्व किया। बैठक में ट्रॉफी मुद्दे पर नकवी के विरोध के बावजूद जोर देकर कहा गया कि विजेता टीम को ट्रॉफी सौंपी जानी चाहिए।
बैठक में नकवी ने शुरुआती भाषण में नेपाल और मंगोलिया को बधाई दी, लेकिन भारत को नहीं। शेल्लार ने इस मुद्दे को उठाया और नकवी पर दबाव पड़ा, तब जाकर उन्होंने भारतीय टीम को बधाई दी।
सूत्रों के मुताबिक, बीसीसीआई नवंबर में आईसीसी की बैठक में इस मामले को उठाएगी। शुक्ला और शेल्लार ने जोर दिया कि ट्रॉफी को एसीसी दफ्तर से ही विजेता टीम को सौंपा जाए। फिलहाल ट्रॉफी एसीसी दफ्तर में रखी है और भारतीय टीम को अभी तक नहीं मिली।
भारत और पाकिस्तान की टीमें एशिया कप में तीन बार आमने-सामने आईं, जिसमें भारत ने सभी बार जीत दर्ज की। फाइनल में भी टीम इंडिया ने नो हैंडशेक नीति अपनाई थी और पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया।
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