Bihar: BDO ने विधायक के दामाद व SDO पर लगाया प्रताड़ना का आरोप, 5 पन्नों में बयां किया दर्द

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कटिहार:  कटिहार जिले के बारसोई प्रखंड विकास पदाधिकारी हरिओम शरण ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने जिला पदाधिकारी मनेष कुमार मीणा को पाँच पृष्ठों का विस्तृत पत्र लिखकर अपना त्यागपत्र सौंपा.

शरण ने SDO श्वेतम दीक्षित पर मानसिक प्रताड़ना, सार्वजनिक अपमान और प्रशासनिक दबाव का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वह कमर दर्द जैसी शारीरिक समस्याओं के बावजूद प्रतिदिन 10 से 12 पंचायतों का दौरा कर रहे थे. डिजिटलीकरण शिविरों की निगरानी से लेकर बीएलओ, पर्यवेक्षकों और अपलोडिंग प्रक्रिया तक हर जिम्मेदारी निभा रहे थे. इसके बावजूद उन्हें सार्वजनिक रूप से “कामचोर” कहा गया और अपशब्दों का सामना करना पड़ा.

BDO हरिओम शरण (बाएं), SDO (दाएं)

हरिओम शरण ने पत्र में लिखा है कि निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में बारसोई प्रखंड या विधानसभा क्षेत्र के कार्यों को लेकर कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं की गई थी. बावजूद इसके, एसडीओ बार-बार डांट-फटकार और धमकियों के साथ कहते हैं कि ‘‘काम में रुचि नहीं है, नौकरी जाएगी, तब समझोगे’’.

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बीते दिनों पोर्टल की गति अत्यंत धीमी थी और 24 घंटे तक इंटरनेट सेवा भी बाधित रही थी, जिससे काम प्रभावित हुआ. आयोग ने भी इसे स्वीकार किया. लेकिन इसके लिए भी दोष उन्हीं पर मढ़ा गया.

अपने पत्र में बीडीओ ने लिखा, “मैं ऐसे अपमानजनक माहौल में, जहां किसी उचित कारण के बिना वरिष्ठ व कनिष्ठ कर्मियों के समक्ष मेरा निरंतर अपमान हो रहा हो, अब मानसिक रूप से स्वस्थ और कुशलतापूर्वक कार्य कर पाने में असमर्थ हूं. मेरा आत्मसम्मान इस संघर्ष से घायल है. इसलिए मैं स्वेच्छा से अपना पद त्याग रहा हूं.”

इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. बताया जा रहा है कि जिन SDO पर यह आरोप लगाए गए हैं, वह सत्ताधारी जदयू विधायक विजय सिंह के दामाद हैं. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर तीखा हमला बोला है. उन्होंने इसे सत्ता के घमंड और रिश्तेदारों के रसूख का उदाहरण बताया है.

SDO का पक्ष: ‘‘सिर्फ काम समझाया गया’’
SDO श्वेतम दीक्षित ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा, ‘‘सभी निर्देश जिला प्रशासन के तहत दिए जा रहे हैं. प्रदर्शन सुधारने के लिए बीडीओ को सिर्फ कार्य-निर्देश समझाया गया था. यदि उसे प्रताड़ना समझा गया, तो इसमें मेरी क्या भूमिका?’’

 

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