पटना: भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मौजूदा रणनीतिकार अमित शाह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आज पटना पहुंच रहे हैं। गृह मंत्री की भूमिका से अलग, इस बार उनका दौरा पूरी तरह संगठन और चुनावी रणनीति पर केंद्रित होगा। रात में वह पार्टी के कुछ चुनिंदा नेताओं से मिलेंगे और गठबंधन के सहयोगी दलों की स्थिति पर चर्चा करेंगे। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने साफ कहा है कि अगर उन्हें 20 सीटें नहीं मिलीं, तो वे 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं, चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर कोई असहमति नहीं जताई है और उपेंद्र कुशवाहा भी सीटों के बंटवारे को लेकर इंतजार की मुद्रा में हैं। शाह मांझी का राजनीतिक गणित समझेंगे, लेकिन सीट बंटवारे या प्रत्याशियों को लेकर पटना में कोई औपचारिक चर्चा नहीं करेंगे। हालांकि, मौजूदा विधायकों के कामकाज और उनकी रिपोर्ट कार्ड जरूर देखेंगे।
कल के कार्यक्रम में शाह सासाराम और बेगूसराय का दौरा करेंगे। सासाराम के डेहरी-ऑन-सोन स्थित ललन सिंह स्टेडियम में वह रोहतास, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा और औरंगाबाद जिलों के भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसमें सांसद, विधायक, विधान पार्षद और संगठन के प्रमुख पदाधिकारी शामिल रहेंगे। दूसरी बैठक बेगूसराय के रिफाइनरी टाउनशिप खेल मैदान में होगी। यहां बेगूसराय के अलावा पटना महानगर, पटना ग्रामीण, बाढ़ पटना, नालंदा, शेखपुरा, मुंगेर, जमुई, लखीसराय और खगड़िया के नेताओं से बात होगी।
इन बैठकों में शाह का मुख्य एजेंडा केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभ को जनता तक पहुंचाना होगा। इसके साथ ही, एनडीए सहयोगी दलों के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने पर भी जोर देंगे। हाल के दिनों में एनडीए की बैठकों में हंगामे की खबरें आई थीं, इसलिए शाह खासतौर पर यह संदेश देंगे कि समन्वय और अनुशासन बिगड़ने न पाए। यह एजेंडा उनकी यात्रा का सबसे अहम हिस्सा माना जा रहा है।
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