
सरायकेला: टाटा-रांची मुख्य राज्य मार्ग से जुड़ने वाला एनएच-18 (पुराना एनएच-32) चांडिल बाईपास अब तक आम आवाजाही के लिए नहीं खोला गया है, जिससे चांडिल बाजार क्षेत्र में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. राहगीरों, दुकानदारों और स्थानीय नागरिकों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है.
उल्लेखनीय है कि 26 मई को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने चांडिल दौरे के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों को 15 जून तक बाईपास चालू करने का निर्देश दिया था. लेकिन जुलाई का पहला सप्ताह बीतने के बाद भी सड़क चालू नहीं हो सकी है.
इससे न केवल घंटों लंबा ट्रैफिक जाम लगता है, बल्कि गाड़ियों की कतारें बाजार में दिनभर अटकी रहती हैं.
स्थानीय व्यवसायियों ने बताया कि जाम की वजह से न ग्राहक रुकते हैं, न वाहन पार्क करने की जगह मिलती है. बरसात के दिनों में स्थिति और बिगड़ गई है. नाली का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है, जिससे ग्राहक आना छोड़ चुके हैं.
जाम के कारण स्कूल बसों और ऑटो का रास्ता रुक जाता है. संपन्न परिवार दोपहिया से बच्चों को स्कूल पहुंचा रहे हैं, जबकि बाकी बच्चों को गंदे पानी से होकर पैदल स्कूल जाना पड़ता है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि गंभीर मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे, जिससे जान जोखिम में पड़ रही है.
नीमडीह व चांडिल प्रखंड के ग्रामीणों ने इस स्थिति को लेकर स्थानीय विधायक, सांसद और एनएचएआई पर नाराजगी जताई है. लोगों का कहना है कि जब आदेश के बावजूद बाईपास नहीं खुला तो सवाल उठता है कि जिम्मेदार कौन है?
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