सरायकेला: लगातार बारिश ने आदरडीह पंचायत के रघुनाथपुर बड़डीह गांव की सरला देवी का जीवन और कठिन बना दिया है। झोपड़ी जैसे घर की छत बारिश की मार से पूरी तरह दह गई है। अब यह परिवार प्लास्टिक की चादर बांधकर किसी तरह रातें गुजारने को मजबूर है।
सरला देवी ने बताया कि उन्हें अब तक न प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला और न ही अबुआ आवास योजना का। उनका कहना है कि तीन महीने पहले स्वयंसेवक प्रकाश महतो ने उनके घर का JioTag किया था और नींव के लिए गड्ढा खोदने को कहा था। लेकिन उसके बाद न घर मिला और न ही कोई जानकारी दी गई।
सरला देवी ने कहा कि पति की मृत्यु को 10–12 साल बीत चुके हैं। रोज की मजदूरी से किसी तरह गुजारा होता है। उनका एक बेटा है, जिसने गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ दी और अब मजदूरी करता है। “आवास बनाने के बारे में सोच भी नहीं सकती। सरकार अमीरों को पक्का मकान दे रही है और हम गरीब सिर्फ लाइन में खड़े हैं।”
गांव के अन्य परिवारों का घर बनकर तैयार हो गया है, लेकिन सरला देवी जैसी जरूरतमंद अब भी छत से वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल नीमडीह ब्लॉक में सैकड़ों घर स्वीकृत होते हैं, फिर भी ऐसे पात्र परिवार झोपड़ी में जीवन गुजार रहे हैं।
स्वयंसेवक प्रकाश महतो ने बताया कि “पहले जीओटेक किए गए आवास का बिल पास नहीं हुआ था। बाद में किए गए जीओटेक का बिल पास हुआ है।” लगातार हो रही बारिश ने इस परिवार की हालत और भी बदतर कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते मदद नहीं मिली तो किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।
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