
पश्चिमी सिंहभूम: गुरुवार की शाम सारंडा जंगल में अचानक हुए वज्रपात से सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर के चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. इनमें से सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी एमपी सिंह, जो मणिपुर के रहने वाले थे, ने शुक्रवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. उनकी पोस्टिंग कुछ माह पूर्व ही झारखंड में हुई थी.
घायलों में सहायक कमांडेंट सुबीर मंडल, जगुआर के एएसआई सुदेश और एएसआई चंदन हांसदा शामिल हैं. सभी को प्राथमिक उपचार देने के बाद नोवामुंडी अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया.
नक्सल विरोधी अभियान के बीच गिरी आसमानी आफत
यह दुर्घटना बालिबा स्थित सीआरपीएफ कैंप से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर हुई. जवान नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे थे, तभी बारिश के बीच आसमान से बिजली गिरी और चारों इसकी चपेट में आ गए. बताया जा रहा है कि उस समय सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर और अन्य सुरक्षा बल संयुक्त अभियान पर थे.
विकट हालात में बचाव कार्य, अस्पताल से पहुंचाई गई मेडिकल सहायता
घटना की जानकारी मिलते ही किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जनरल अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर और प्राथमिक उपचार सामग्री लेकर पुलिस और सीआरपीएफ की मेडिकल टीम मौके के लिए रवाना हुई. गंभीर घायलों को विषम परिस्थितियों के बीच कैंप से निकालकर इलाज के लिए भेजा गया.
इधर, मनोहरपुर एसडीपीओ जयदीप लकड़ा सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी तत्काल घटनास्थल की ओर रवाना हुए.
कोल्हान डीआईजी ने दी आधिकारिक पुष्टि
कोल्हान रेंज के डीआईजी रतन चौथे ने वज्रपात की घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि चार जवान घायल हुए हैं. इनमें से एमपी सिंह ने इलाज के दौरान शहादत प्राप्त की. अन्य तीन जवानों का इलाज जारी है और स्थिति नियंत्रण में है.
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