
देवघर: श्रावण मास 2025 की पहली सोमवारी को देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने बाबा को गंगाजल अर्पित किया. देश के कोने-कोने से कांवर उठाकर शिवभक्त सुल्तानगंज से लगभग 100 किलोमीटर पैदल यात्रा कर देवघर पहुंचते हैं.
कांवरियों के लिए विशेष तैयारियां
सावन में सुल्तानगंज से बाबाधाम तक कांवरियों के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है. कांवरिया पथ को गंगा की मिट्टी से सजाया जाता है, ताकि कांवरियों को सफर के दौरान पैरों में छाले न पड़ें और वे मखमली अनुभव के साथ अपने आराध्य तक पहुंच सकें. विश्राम स्थलों की भी समुचित व्यवस्था रहती है, ताकि रात-दिन पैदल चलने वाले शिवभक्त ऊर्जा संचित कर सकें.
कब होता है मंदिर का पट उद्घाटन?
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए श्रावण मास में बाबा बैद्यनाथ मंदिर का समय नियमित दिनों से भिन्न रहता है.
सुबह 3:05 बजे मंदिर का गर्भगृह श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है.
इसके साथ ही बाबा को जल चढ़ाने का क्रम आरंभ होता है.
रात 9 बजे तक भक्त बाबा को जल अर्पित कर सकते हैं.
इसके बाद मंदिर का पट बंद कर दिया जाता है.
शृंगार पूजा और पट बंद होने का समय
जलार्पण के बाद रात 9:30 बजे बाबा भोलेनाथ की शृंगार पूजा प्रारंभ होती है.
यह पूजा 10:30 बजे तक चलती है.
इसके बाद गर्भगृह के पट बंद कर दिए जाते हैं और अगले दिन सुबह 3:05 बजे ही दोबारा खुलते हैं.
शृंगार पूजा के पश्चात विशेष सरदारी पूजा होती है, और फिर सामान्य भक्तों के लिए दिन भर जलाभिषेक की अनुमति रहती है.
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