Gamhariya : सिंह दिशोम माघ मूडी कार्यक्रम का वार्षिक सम्मेलन आयोजित, 190 गांवों के माझी बाबा व ग्रामीणों का जुटान

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पश्चिमी सभ्यता हमारी जीवन शैली को कर रही प्रभावित : टुडू

गम्हरिया : गम्हरिया प्रखंड के नारायणपुर पंचायत अंतर्गत आसनबनी में सिंह दिशोम माघ मूडी कार्यक्रम का वार्षिक सम्मेलन आयोजित की गयी. इसमें सिंह दिशोम के लगभग 190 माझी बाबाओं समेत हजारों महिला-पुरूषों का जुटान हुआ. कार्यक्रम में वार्षिक व्यवस्थागत कार्यों की समीक्षा की गयी. साथ ही भविष्य में किये जाने वाले कार्यों पर चर्चा हुई. मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि देश परगना फकीर मोहन टुडू ने कहा कि आज के समय विकासशील स्थिति में हमारी अपनी सामाजिक परंपरागत व्यवस्था और पूर्वजों द्वारा बनाये हुए रीति रिवाज, भाषा एवं संस्कार को बचाए रखने की बहुत जरूरत हैं. वर्तमान में विकास की अंधी दौर तथा पश्चिमी सभ्यता आदिवासियों की जीवन शैली को काफी प्रभावित कर रही हैं. अपनी सभ्यता को बचाये रखने के लिए सामाजिक जागरूकता अभियान चलाना होगा. इसके लिए समाज के युवाओं को सक्रिय रूप से आगे आना होगा. कार्यक्रम को दुगनी पीड़ परगाना दिवाकर सोरेन, रीना टुडू, देश कारजी दुबराज टुडू, देश गोडेत मुकेश टुडू, लगुबुरु गोडेत सुरेंद्र टुडू, दुगनी पीड़ पोराणिक बबलू मुर्मू, लास्कर टुडू, राजेश कुमार हांसदा, सोमाय मार्डी, भागवत बास्के, विक्रम टुडू आदि ने भी संबोधित किया.

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समाज के लोगों को दिग्भ्रमित करने वालों को दी नसीहत

कार्यक्रम के दौरान देश परगाना फकीर मोहन टुडू ने समाज के लोगों को दिग्भ्रमित करने वाले कुछ सदस्यों पर नाराजगी प्रकट की. उन्होंने कहा कि पूर्व बोडपीड़ परगना नांदोलाल टुडू की बर्खास्तगी अब तक बरकार हैं. कुछ लोगों द्वारा भ्रमित सूचना फैलाकर समाज के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. उन्होंने वैसे लोगों को इस प्रकार की हरकत से बचने की नसीहत दी.

अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने व महिला उन्नति पर हुई चर्चा

कार्यक्रम के दौरान समाज के लोगों से हो रहे अन्याय व अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने व महिलाओं की सहभागिता पर चर्चा की गयी. दुगनी पीड़ परगना दिवाकर सोरेन ने कहा कि भले ही हमारा स्वशासन व्यवस्था परंपरागत प्राचीन और अलिखित हैं, फिर भी आज के समय में लोकतांत्रिक देश में रहते हुए कानूनी अधिकारों को भी जानने की जरूरत हैं. आज हमारे देश में आदिवासियों के ऊपर लगातार अन्याय अत्याचार होते जा रहा हैं, सामाजिक अगुआओं को इस विषय को लेकर भी कार्य करने की जरूरत है. वहीं समाज की रीना टुडू ने कहा कि किसी भी समाज में महिलाओं की सहभागिता के बिना सामाजिक उन्नति संभव नहीं है. अतः हम सब महिला वर्ग को भी फूलो झानू की तरह आगे आना होगा.

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