
नई दिल्ली: देश में तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट के बीच UPI सिस्टम अब एक और बदलाव के दौर से गुजर रहा है. 1 अगस्त 2025 से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कुछ नए नियम लागू करने का ऐलान किया है, जो हर आम और खास UPI यूजर को प्रभावित करेंगे.
आज लाखों लोग रोजाना पेट्रोल पंप से लेकर सब्ज़ी वाले तक को UPI से पैसे दे रहे हैं. बैलेंस चेक करना, EMI कटवाना, Netflix का सब्सक्रिप्शन भरना – सब कुछ अब एक क्लिक में. लेकिन अब NPCI चाहता है कि ये सिस्टम और स्मार्ट बने, ताकि नेटवर्क पर अनावश्यक दबाव कम हो, सर्वर क्रैश से बचा जा सके और धोखाधड़ी के रास्ते बंद किए जा सकें.
अब आप दिनभर में केवल 50 बार ही अपने बैंक बैलेंस की जांच UPI ऐप्स के ज़रिए कर पाएंगे. इससे बार-बार बैलेंस देखने की आदत रखने वाले यूजर्स को झटका लग सकता है. खासकर वो लोग जो हर मिनट अपने खाते की स्थिति देखने लगते हैं. NPCI का मानना है कि इससे सर्वर का लोड संतुलित रहेगा. हालांकि छोटे यूजर्स के लिए यह लिमिट पर्याप्त है, लेकिन लगातार लेन-देन करने वाले फ्रीलांसर और व्यापारी इससे असहज हो सकते हैं.
दूसरा बड़ा बदलाव AutoPay ट्रांजैक्शन को लेकर है. अभी तक Netflix, EMI या बिजली बिल जैसे पेमेंट्स किसी भी समय कट जाते थे. अब ये सिर्फ तय समय-सीमा में ही प्रोसेस होंगे. इससे ट्रांजैक्शन में लेट-लतीफी और फेल्योर की समस्या कम होगी. लेकिन यूजर्स को ध्यान रखना होगा कि उनका AutoPay स्लॉट कब है. अगर मिस हुआ, तो पेमेंट अगले दिन तक टल सकता है.
UPI से जुड़ी तीसरी बड़ी राहत की खबर ये है कि ₹2000 से ऊपर की किसी भी ट्रांजैक्शन पर अब कोई GST नहीं लगेगा. बीते दिनों सोशल मीडिया पर इसको लेकर चर्चाएं थीं, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है.
UPI के सफर पर नजर डालें तो 2016 में शुरू हुआ यह सिस्टम अब भारत का सबसे ताकतवर डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म बन चुका है. शुरुआत में केवल मोबाइल नंबर और UPI ID से पेमेंट संभव हुआ. फिर BHIM ऐप और QR कोड आए, जिससे दुकानों पर पेमेंट आसान हो गया.
2019 में AutoPay, 2020 में कोरोना काल में बूम, 2021 में इंटरनेशनल UPI और फीचर फोन से भुगतान की सुविधा, 2022 में क्रेडिट कार्ड से भी UPI ट्रांजैक्शन और 2023 में AI आधारित फ्रॉड अलर्ट – सबने UPI को एक ऑलराउंडर बना दिया.
अब 2024 में Tap & Pay और UPI Lite जैसे फीचर आए, जिसमें 500 रुपये तक का पेमेंट बिना PIN के हो जाता है. और 2025 लाया है बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन. मतलब अब अगर आपने PIN याद नहीं रखा तो कोई बात नहीं – आपका चेहरा, अंगुली या आंखें आपका पासवर्ड होंगी.
QR कोड स्कैन करते ही UPI PIN की जगह अब फेस ID, फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन से ट्रांजैक्शन हो सकेगा. यह फीचर अभी टेस्टिंग फेज़ में है, लेकिन जल्द ही देशभर में इसे लागू किया जाएगा.
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