जादूगोड़ा: तूरामडीह यूरेनियम प्रोजेक्ट में बीते शनिवार हुए हादसे में ठेका मजदूर जयराम हांसदा की मौत के बाद उनकी पत्नी सोमवारी हांसदा और तीन बच्चों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। परिवार की यह मांग है कि मृतक की याद में उन्हें यूसिल में स्थाई नौकरी दी जाए, ताकि बच्चों का पालन-पोषण सुरक्षित हो सके।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को बेल्डिंग के काम के दौरान अचानक बिजली का असर बढ़ गया और जयराम हांसदा बिजली के चपेट में आ गए। हादसा स्थल पर ही उनकी मौत हो गई। परिवार का कहना है कि उन्हें न्याय नहीं मिला और कंपनी प्रबंधन अपनी हठधर्मिता से काम ले रहा है।
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सोमवारी हांसदा अपने तीन छोटे बच्चों के साथ कंपनी के मेन गेट पर धरना पर बैठीं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा: “अगर हमें न्याय नहीं मिला तो यही आखिरी कदम होगा, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।” उनका आक्रोश और दर्द समाज में संवेदनाओं को झकझोर रहा है।
राजनीतिक समर्थन
झामुमो के जिला संयोजक बाघराय मार्डी ने कहा कि यूसिल प्रबंधन मृतक परिवार के प्रति दोहरी नीति अपना रही है। पूर्व में कंपनी में हुई दुर्घटनाओं में प्रभावित परिवारों को नौकरी दी गई थी, लेकिन जयराम हांसदा के परिवार को अब तक कोई राहत नहीं मिली। उन्होंने चेतावनी दी कि परिवार को नौकरी मिलने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
धरने में स्थानीय आदिवासी और ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल हुए। इसमें सोमाय टुडू, बहादुर किस्कू, विद्या सागर दास सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने कंपनी प्रबंधन से न्याय और स्थाई रोजगार दिलाने की मांग की।
अब क्या होगा?
देखना यह होगा कि यूसिल प्रबंधन मृतक परिवार को नौकरी देती है या नहीं। इस धरने और स्थानीय समर्थन से साफ है कि आदिवासी समुदाय और झामुमो इस मामले में पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।
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