Jadugora: यूसिल अस्पताल में बीते 20 दिनों से भूतपूर्व कर्मचारियों को नहीं मिल रही दवाई, नाराजगी

Spread the love

जादूगोड़ा :  यूसिल अस्पताल में बीते 20 दिनों से कंपनी के भूतपूर्व कर्मचारियों को अस्पताल में दवाइयां तक नहीं मिल रही है। जबकि समझौते के तहत पूर्व कंपनी कर्मियों को स्वास्थ्य सुविधा जादूगोड़ा अस्पताल तक मिलेगी। इसी से मिलता जुलता हालात यूसिल कर्मी का भी हैं । दवा के अभाव में कंपनी कर्मी बाहर से दवा खरीद कर खा रहे है व उसका भुगतान होने में तीन-चार महीने लगता है। जिसको लेकर यूसिल कर्मियों में कंपनी प्रबंधन के खिलाफ भारी नाराजगी है। इस बाबत भारतीय मजदूर संघ के नेता उमेश चंद्र सिंह कहते है कंपनी प्रबंधन की इस अमानवीय रवैया से भूतपूर्व कर्मचारियों की स्थिति काफी दयनीय है। जिस दिशा में कंपनी प्रबंधन की जल्द पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनी अस्पताल में ब्रांडेड दवाईयां मिलनी चाहिए जिस ओर कम्पनी प्रबंधन 15 दिनों के अंदर पहल करे ताकि दवा के अभाव में लोगों की नाराजगी घटे।

बिना दवा के ही यूसिल अस्पताल से लौट रहे है

बताते चले कि बीते 20 दिनों से यूसिल अस्पताल में दवा आपूर्ति का टेंडर खत्म ही चुका है। जिसकी वजह से अस्पताल आने वाले मरीजों शुगर व ब्लड समेत अन्य कई जीवन रक्षक दवाइयां नहीं मिल रही है व लोग बिना दवा के ही यूसिल अस्पताल से लौट रहे है। यह सिलसिला बीते 20 दिनों से चल रहा है। जिसकी सुधि लेने वाला न तो यूसिल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉक्टर संतोष सतपति और न ही कोई वरीय अधिकारी।

इस पर अस्पताल प्रबंधन का क्या कहना है

इस बाबत अस्पताल प्रबंधन कहती है कि दवाइयां नहीं होने से प्रतिदिन 200 ओ पी ड़ी मे आने वाले मरीजों की संख्या काफी घटी है। इक्के_ दुक्के लोग ही अस्पताल पहुंच रहे है।पूरा अस्पताल परिसर में दवा की कमी से सन्नाटा पसरा हुआ है। आलम यह है कि डॉक्टर तो है दवा नहीं होने से डॉक्टर बैठ कर कम्पनी का तनख्वाह उठा रहे है।वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर कुछ दवाइयां कंपनी अपने स्तर मरीजों को दे रही है वह नकाफी है। फिलहाल ज्यादातर दवाइयों खरीद कर यूसिल कर्मियों को लेना पड़ रहा है जबकि कंपनी के भूत पूर्व कर्मी को बिना दवा के ही लौट रहे है।अस्पताल प्रबंधन की माने तो यूसिल में दवा आपूर्ति टेंडर का फाइल यूसिल बोर्ड के समक्ष बीते 20 मई को रखी गई थी, दस्तावेज में कमी को लेकर फाइल होल्ड पर रखी गई है।

यूसिल बोर्ड द्वारा मांगी गई रिपोर्ट

दो दिन पूर्व में कंपनी प्रबंधन की ओर से यूसिल बोर्ड द्वारा मांगी गई रिपोर्ट भेजी गई है जहां से मंजूरी होने और 15 दिन ओर लगेंगे। फिलहाल मरीजों को ओर बिना दवा के ही दिन गुजारने होगे। आलम यह है कि खरीद कर यूसिलकर्मियों को खानी पड़ रही है।फिलहाल यूसिल कर्मी बाहर से दावा खरीद कर बिल भरते है जिसे भुगतान होने में भी तीन से चार महीने लगते है जबकि भूतपूर्व कर्मचारियों को तो दवा के लाले पड़ गए है। मुश्किल से एकाध दवाइयां मिलती है। दवा के अभाव में अस्पताल कर्मी आराम फरमा रहे है व फुर्सत में गप्पे लड़ाते अस्पताल में मिल जायेगे।


Spread the love
  • Related Posts

    Gamharia: बेकरी में चोरी के बाद दुकान में लगाई आग, संचालक को भारी नुकसान

    Spread the love

    Spread the loveगम्हरिया: गम्हरिया के लाल बिल्डिंग चौक के पास स्थित एक बेकरी में चोरों ने बीती रात न सिर्फ चोरी की घटना को अंजाम दिया, बल्कि सबूत मिटाने के…


    Spread the love

    Jamshedpur: गरुड़ध्वज के साथ ब्रह्मोत्सव की हुई भव्य शुरुआत, भक्तिभाव से गूंजा मंदिर

    Spread the love

    Spread the loveजमशेदपुर: बिस्टुपुर स्थित आंध्र भक्त श्री राम मंदिरम में 56वें ब्रह्मोत्सवम के दूसरे दिन धार्मिक विधियों के साथ आयोजन संपन्न हुआ. शनिवार की सुबह 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *