
झारखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के प्रदेश संयोजक ने मंत्रालय को पत्र लिखकर किया आगाह
जमशेदपुर : झारखंड राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के प्रदेश संयोजक जय प्रकाश पांडेय ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नई दिल्ली को पत्र लिखकर आगाह किया है कि अनावश्यक रूप से भारत सरकार राष्ट्र के आंगनवाड़ी सेविकाओं को जान बुझ कर अनावश्यक वर्क लोड देकर तबाह कर रही है, साथ हीं जान बुझ कर पोषण के कार्य में हस्तक्षेप कर बाधा उत्पन्न किया जा रहा है। जिसके कारण एफआरएस और ई-केवाईसी करते करते कई सेविकाएं दम तोड़ रही हैं। ज्ञात है कि लाभार्थियों का किसी का आधार कार्ड मायका का है और उसमें जो मोबाइल नंबर है, वह बदल दिया गया है, इसी तरह किसी में एड्रेस में सुधार नहीं है, किसी में जन्म तिथि नहीं है, तो किसी का आधार कार्ड में अन्य प्रदेश का एड्रेस है जिसके कारण झारखंड या दूसरे प्रदेश में एफआरएस और ई केवाईसी नहीं हो पा रहा है। वहीं पोषाहार राशन लेने के लिए किसी की मां, चाचा, देवर, दादा, दादी, बहन, नाना, नानी को लाभार्थियों द्वारा भेज दिया जाता है। जिसके कारण पैकेट पाउडर राशन देने में भारी कठिनाई उत्पन्न हो रही है। जिसके टीएचआर बंद होने की संभावना बढ़ती जा रही है। दिन रात सेविका तथा सहायिका एफआरएस और ई-केवाईसी करने के लिए जूझ रही है। क्योंकि 5-G मोबाइल नहीं देकर राज्य सरकार द्वारा 4-G मोबाइल उपलब्ध कराया गया है। नेटवर्क का अभाव रहता है और पोषण ट्रैक नहीं हो पाता है। परंतु पूर्ण सफलता नहीं मिल पा रही है, जिसके कारण पोषण प्रक्रिया झारखंड सहित संपूर्ण भारत में बाधित चल रही है। जिसके कारण कुपोषण और तेजी से फैलता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी सेविका और सहायिका टेंशन में कार्य कर रही है। जिसका बुरा प्रभाव सभी लाभार्थियों में देखा जा रहा है। एक तरफ झारखंड सरकार सहित पूरे भारत में सेविका / सहायिका पर दबाव बनाया जाता है तो दूसरी तरफ झारखंड सरकार अल्प वेतनभोगी सेविका /सहायिका को समय पर वेतन नहीं दे पा रही है। जबकि प्रत्येक माह उधार में राशन खरीदकर आंगनवाड़ी बच्चों को नाश्ता और भोजन दिया जाता है। मकान भाड़ा, मोबाइल रिचार्ज की राशि समय से नहीं मिलती और आंगनवाड़ी पर अनावश्यक लोड बढ़ा दिया जाता है। इसी समस्या को लेकर पिछले माह राष्ट्रीय महामंत्री अशोक नयन और झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवती देवी और प्रयाग यादव की अध्यक्षता में दिल्ली जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना दिया गया तथा लिखित रूप से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया गया है। फिर भी भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा अभी तक एफआरएस और ई-केवाईसी को बंद नहीं कर आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने की साजिश रची जा रही है।जिसके कारण झारखंड सहित संपूर्ण राज्य में आंदोलन का तेज धार उभरता हुआ दिखाई देने लगा है।
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