
जमशेदपुर: संविधान की पांचवीं अनुसूची और पेसा कानून की उपेक्षा कर अनुसूचित क्षेत्र में नगर निगम गठन के विरोध में आज बालीगुमा स्थित माझी थान परिसर में संयुक्त ग्राम सभा समिति के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. यह बैठक आदिवासी समाज की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था की रक्षा और संवैधानिक अधिकारों की पुनः पुष्टि के लिए निर्णायक मानी जा रही है.
बैठक की अध्यक्षता बालीगुमा के माझी बाबा रमेश मूर्मू ने की. 12 मौजा के माझी-बाबाओं की उपस्थिति में सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया कि अनुसूचित क्षेत्र में झारखंड नगर निगम अधिनियम 2011 के तहत नगर निगम गठन और चुनाव कराना संविधान के अनुच्छेद 244 तथा पांचवीं अनुसूची का सीधा उल्लंघन है.
बैठक में यह भी साफ किया गया कि यदि सरकार पेसा कानून को लागू किए बिना सामान्य कानूनों के तहत चुनाव थोपने का प्रयास करती है, तो आदिवासी समाज सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपनी संवैधानिक लड़ाई लड़ने को बाध्य होगा.
माझी बाबाओं ने स्पष्ट किया कि अगर सत्ता में शामिल दलों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी तो उनका सामाजिक-राजनीतिक बहिष्कार किया जाएगा. बैठक में उलगुलान जैसे बड़े आंदोलन की रूपरेखा पर भी मंथन किया गया.
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी 15 दिनों में झारखंड हाई कोर्ट में नगर निगम गठन और प्रस्तावित चुनाव के खिलाफ याचिका दायर की जाएगी. याचिका का प्रारूप अंतिम रूप में तैयार कर लिया गया है.
पारंपरिक नेतृत्व की उपस्थिति
बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख पारंपरिक प्रतिनिधियों में शामिल थे:
डिमना माझी बाबा दीपक मूर्मू
कुमरूम माझी बाबा दुर्गा मूर्मू
गोड़गोड़ा परानिक बाबा सनातन टूडू
दाईगूट्टू माझी बाबा बीरेन मूर्मू
बावनगोड़ा माझी राजेन्द्र सोरेन
तुरियाबेड़ा माझी सुनील हेम्ब्रम
इसे भी पढ़ें :
Jamshedpur: आदि कर्मयोगी योजना – ग्रामसभा से गांव तक पहुंचेगी सशक्तिकरण की रौशनी