
झाड़ग्राम: झाड़ग्राम जिले के मानिकपाड़ा क्षेत्र स्थित अमड़िया गांव में ज़मीन कब्ज़े को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है. स्थानीय ग्रामीणों ने एक प्रमोटर पर आरोप लगाया है कि उसने मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर लगभग 100 बीघा ज़मीन पर अवैध कब्ज़े की कोशिश की.
जब यह मामला सामने आया तो गांव में हड़कंप मच गया. पुलिस के मौके पर पहुंचते ही ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प तक हो गई.
जिस व्यक्ति ने ज़मीन खरीदने का दावा किया है, उसका गांव में कोई स्थायी ठिकाना नहीं है. वह न तो अपनी खरीदी गई ज़मीन की सटीक जगह दिखा पा रहा है और न ही उसके कागज़ात मौजा की स्थिति से मेल खाते हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि पहले सीमांकन के नाम पर कोई प्रक्रिया नहीं हुई. लेकिन अब अचानक वह व्यक्ति आया और ज़बरन सीमांकन कराने की कोशिश कर रहा है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस ज़मीन पर कब्ज़े की कोशिश हो रही है, वहाँ पर सरकारी सिंचाई नाला, एक सार्वजनिक सड़क और खेल का मैदान भी स्थित है. ग्रामीण करीब सौ सालों से इस भूमि पर खेती कर रहे हैं.
उनका सवाल है कि जब यह ज़मीन सामुदायिक उपयोग में रही है, तो अचानक किसी व्यक्ति के नाम उसका मालिकाना हक कैसे हो सकता है?
ग्रामीणों ने यह भी सवाल उठाया कि सरकारी नियमों के अनुसार किसी एक व्यक्ति के नाम इतनी बड़ी भूमि नहीं हो सकती. यह कैसे संभव हुआ कि बिना सीमांकन, बिना स्थायी निवास और बिना ग्रामीणों की जानकारी के, किसी के नाम पर इस भूमि का रजिस्ट्रेशन कर दिया गया?
झाड़ग्राम के जिलाधिकारी सुनील अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि उन्हें इस विवाद की जानकारी मिली है. उन्होंने मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं. मानिकपाड़ा बिट हाउस पुलिस ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है. लेकिन ग्रामीणों की नाराज़गी और आरोपों ने ज़मीन व्यवस्था की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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