
झाड़ग्राम: पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम जिले के गोपीबल्लभपुर-II प्रखंड अंतर्गत मलिंचा गांव में स्वर्णरेखा नदी का कटाव भयावह रूप ले चुका है. नदी किनारे बसे इस गांव के निवासियों के लिए यह समय एक गंभीर संकट का बन गया है. झारखंड स्थित गालुडी जलाशय से भारी जल प्रवाह छोड़े जाने के कारण कटाव की तीव्रता और भी अधिक हो गई है.
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य के सिंचाई मंत्री डॉ. मानस भुइयां, झाड़ग्राम के जिलाधिकारी सुनील अग्रवाल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मलिंचा गांव का दौरा किया. उन्होंने कटाव प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया.
इस संकटपूर्ण स्थिति में बेलियाबेड़ा थाना की पुलिस ने एक सराहनीय और संवेदनशील पहल करते हुए गांव में सामुदायिक रसोई शुरू की है. थाना प्रभारी (O.C.) नीलू मंडल स्वयं गांव में जाकर भोजन परोसते नजर आए. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ मलिंचा नहीं, बल्कि स्वर्णरेखा नदी के किनारे बसे एक अन्य गांव में भी हम सामुदायिक रसोई चला रहे हैं. इस आपदा के समय लोगों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है.”
बेलियाबेड़ा थाना की इस मानवीय पहल ने प्रभावित गांववासियों के दिलों में भरोसे की एक नई लौ जलाई है. स्थानीय लोगों ने थाना प्रभारी नीलू मंडल और झाड़ग्राम जिला पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा कि जब बाकी व्यवस्थाएं लड़खड़ा रही थीं, तब पुलिस ने सामाजिक उत्तरदायित्व का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया.
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