
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के सक्रिय मार्गदर्शन में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र ने बीते 11 वर्षों में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है. सोमवार को नई दिल्ली के राजघाट स्थित कार्यालय में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने वर्ष 2024-25 के अनंतिम आँकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी.
11 वर्षों में अभूतपूर्व प्रगति
अध्यक्ष कुमार ने बताया कि वित्तवर्ष 2024-25 में केवीआईसी ने उत्पादन, बिक्री और रोजगार सृजन में नया रिकॉर्ड स्थापित किया है.
• उत्पादन: वर्ष 2013-14 में ₹26,109.07 करोड़ से बढ़कर ₹1,16,599.75 करोड़ (347% वृद्धि)
• बिक्री: ₹31,154.19 करोड़ से बढ़कर ₹1,70,551.37 करोड़ (447% वृद्धि)
• रोजगार: 1.30 करोड़ से बढ़कर 1.94 करोड़ (49.23% वृद्धि)
खादी कपड़ों में शानदार प्रदर्शन
• उत्पादन: ₹811.08 करोड़ से बढ़कर ₹3,783.36 करोड़ (366% वृद्धि)
• बिक्री: ₹1,081.04 करोड़ से बढ़कर ₹7,145.61 करोड़ (561% वृद्धि)
प्रधानमंत्री द्वारा खादी को बड़े मंचों से बढ़ावा देने का स्पष्ट प्रभाव इसके बिक्री आँकड़ों में दिखता है.
खादी भवन और पीएमईजीपी में बड़ी छलांग
• खादी भवन, नई दिल्ली: कारोबार ₹51.02 करोड़ से बढ़कर ₹110.01 करोड़ (115% वृद्धि)
• पीएमईजीपी:
o स्थापित इकाइयाँ: 10,18,185
o वितरित सब्सिडी: ₹27,166.07 करोड़
o सृजित रोजगार: 90,04,541 लोग
ग्रामीण उद्योग विकास में रिकॉर्ड
ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत
• बजट: ₹25.65 करोड़ (2021-22) से बढ़ाकर ₹60 करोड़ (2025-26)
• डिस्ट्रीब्यूटेड मशीनरी/उपकरण: कुल 2,87,752 यूनिट
• वर्ष 2024-25 में सर्वाधिक 37,218 मशीनों का वितरण
महिला सशक्तिकरण में अग्रणी
• प्रशिक्षित महिलाएं: 4,27,394 (कुल प्रशिक्षुओं का 57.45%)
• खादी कारीगरों में महिला भागीदारी: 80%
• पारिश्रमिक में वृद्धि: 11 वर्षों में 275%, पिछले 3 वर्षों में 100%
आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान
अध्यक्ष के अनुसार, यह वृद्धि न केवल पूज्य बापू की प्रेरणा और प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का परिणाम है, बल्कि ग्रामीण भारत के कारीगरों की कड़ी मेहनत की भी परिचायक है. उन्होंने कहा कि खादी अब सिर्फ वस्त्र नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और एकता का प्रतीक बन चुकी है.
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