
रामगढ़: रामगढ़ के पुराने सदर अस्पताल के भवन निर्माण स्थल पर धनंजय कुमार पुटूस ने मिठाइयां बांटकर इस गौरवशाली क्षण को यादगार बनाया. 2016 में छत्तर मांडू में नए सदर अस्पताल के निर्माण के बाद पुराने अस्पताल को बंद करने के निर्णय के खिलाफ रामगढ़ शहर एवं आसपास के करीब एक लाख नागरिकों ने जबरदस्त विरोध किया था. यह बंदी स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई थी, जिससे चिकित्सा सुविधा से वंचित होना पड़ा था। भाजपा नेता एवं रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष धनंजय कुमार पुटूस ने इस ज्वलंत समस्या को देखते हुए “अस्पताल दो या मौत दो” के नारे के साथ आमरण अनशन कर प्रशासन को मजबूर किया था. उनकी निष्ठा और हजारों लोगों के समर्थन से प्रशासन ने मांगें मानकर पुराने सदर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पुनः बहाल की.
नए अस्पताल भवन का शिलान्यास और निर्माण कार्य
अब उसी स्थल पर लगभग 2.5 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक अस्पताल भवन का निर्माण शुरू हो चुका है, जिसका शिलान्यास भी संपन्न हो चुका है. इस उपलब्धि पर धनंजय कुमार पुटूस ने रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ अस्पताल परिसर में मिठाइयां बांटी और प्रसन्नता जताई.
सांसद और प्रशासन को धन्यवाद
धनंजय कुमार पुटूस ने इस सफलता में हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल और जिला प्रशासन को भी आभार व्यक्त किया, जिनके समर्थन से जनभावनाओं का सम्मान हुआ और अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ी. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि रामगढ़ की जनता की जीत है।”
गुणवत्ता पूर्ण निर्माण के लिए अपील
धनंजय कुमार पुटूस ने ठेकेदार से भी गुणवत्ता में कोई कमी न करने का आग्रह किया और प्रशासन से सतत निगरानी बनाए रखने को कहा. उनका मानना है कि यह अस्पताल आम जनता की सेवा के लिए है और इसकी गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए. आज का दिन रामगढ़ के लिए केवल एक निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं, बल्कि जनता के विश्वास, संघर्ष और संकल्प का उत्सव है, जो स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर भविष्य की उम्मीद जगाता है.
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