
नई दिल्लीः समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से इनकार करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल रिव्यू पिटिशन को शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाओं की समीक्षा की. न्यायमूर्ति रवींद्र भट (न्यायाधीश हिमा कोहली के साथ दिए गए) और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा के बहुमत वाले निर्णयों की जांच करने के बाद, पीठ को उनमें कोई त्रुटि नहीं मिली.
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कोर्ट ने कहा कि हमने पूर्व न्यायाधीश एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति हिमा कोहली द्वारा दिए गए निर्णयों को ध्यानपूर्वक पढ़ा है. हमें रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से कोई त्रुटि नहीं मिली. दोनों निर्णयों में व्यक्त दृष्टिकोण कानून के अनुरूप है और इस प्रकार, किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. इसलिए समीक्षा याचिकाएं खारिज की जाती हैं.