गुवा : नोवामुंडी कॉलेज में स्वामी विवेकानंद की 163 वीं जयंती मनाई गई. कॉलेज के एनएसएस इकाई और प्राचार्य की अध्यक्षता में जयंती मनाई गई.
राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास ने स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर पुष्पांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इस अवसर पर शिक्षकों को अपने प्रेरणादायक संबोधन में प्राचार्य डॉ. मनोजित विश्वास ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक महान विचारक और संत थे जिन्होंने पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति और ज्ञान का महत्व बताया।
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स्वामी जी के आदर्शो को अपने जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी गई
प्राचार्य ने स्वामी विवेकानंद की पुस्तकों पर चर्चा करते हुए कहा कि विज्ञान और धर्म दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं, धर्म और विज्ञान दोनों का सार एक ही है. धर्म में जो बातें कही गई है विज्ञान उसे प्रयोगों के आधार पर सिद्ध कर रहा है किन्तु धर्म की पहुंच जिस ऊंंचाई पर है वहां तक विज्ञान को पहुंच पाना असंभव कार्य है. उनके विचार आज के युवाओं के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शक हैं। स्वामी जी ने युवकों में राष्ट्रभक्ति, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सेवा का संचार दिया. उन्होंने कार्यक्रम में शामिल सभी शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें स्वामी जी के आदर्शो को अपने जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी. उपस्थित शिक्षकों ने भी विवेकानंद के प्रति अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर कालेज के प्रोफेसर डॉ मुकेश कुमार सिंह, साबिद हुसैन, पीएन महतो, दिवाकर गोप, धनीराम महतो, कुलजिंदर सिंह, तन्मय मंडल, नरेश कुमार पान,संतोष पाठक, भवानी कुमारी, लक्ष्मी मोदक, शान्ति पुरती, सुमन चातोम्बा,हीरा चातोम्बा,सीमा गोप, अमरजीत लागुरी, दयानिधि प्रधान, जगन्नाथ प्रधान, राम बहादुर चौधरी, गुरु चरण बालमुचू ,अनिमेष बीरूली आदि उपस्थित थे.
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