
नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर मंतर पर आज से अखिल भारतीय आंगनवाड़ी कर्मचारी कृति समिति द्वारा राष्ट्रव्यापी धरना आरंभ किया गया. इस आंदोलन में देश भर की आंगनवाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं शामिल हुईं हैं. झारखंड राज्य समाज कल्याण संघ के संयोजक जय प्रकाश पांडेय ने बताया कि यह धरना महिला कर्मियों के अधिकारों की मांग को लेकर आयोजित किया गया है.
केंद्र सरकार पर उठे सवाल
संगठन के महामंत्री अशोक नयन ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह आंगनवाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को केंद्र या राज्य सरकार के नियमित कर्मचारी का दर्जा दे. उनका कहना था कि जब तक इन्हें विधिवत कर्मचारी नहीं माना जाएगा, तब तक शोषण की स्थितियाँ बनी रहेंगी.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की 33% आरक्षण योजना का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण है, लेकिन आंगनवाड़ी महिलाओं को अभी तक इस योजना का समुचित लाभ नहीं मिल पाया है.
मांगों की सूची हुई सार्वजनिक
धरने में शामिल प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार के समक्ष कई प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें निम्न शामिल हैं:
फेस रिकॉगनिशन प्रणाली (FRS) को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए.
THR (टेक होम राशन) की पुरानी व्यवस्था को पुनः लागू किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आंगनवाड़ी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी प्रदान की जाए.
उच्च न्यायालयों के आदेश के अनुरूप वेतनमान लागू किया जाए.
प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र के लिए भवन, बिजली, पानी, पार्क, टीवी, खेल सामग्री, बेंच व कुर्सियों की समुचित व्यवस्था की जाए.
झारखंड से बड़ी भागीदारी
धरने में झारखंड से प्रमुख रूप से महामंत्री अशोक नयन, अध्यक्ष देवती देवी, प्रयाग यादव, जय प्रकाश पांडेय, जयंती, रेखा, रानी, किरण सिंह, सुनीता और तारामणि देवी सहित हजारों सेविकाएं व सहायिकाएं शामिल हुईं.
जय प्रकाश पांडेय ने कहा कि यदि भारत सरकार समय रहते इन मांगों पर विचार नहीं करती, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है.
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