
जमशेदपुर: अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन, झारखंड प्रांत का बहुप्रतीक्षित प्रांतीय अधिवेशन आगामी 6 जुलाई को धनबाद के राजविलास रिसॉर्ट, गोविंदपुर में आयोजित होने जा रहा है। यह सम्मेलन संगठन के भविष्य की दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, जिसमें राज्यभर के सभी जिलों से प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे केंद्रीय न्याय एवं कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जबकि उद्घाटन करेंगे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ। इन दोनों गरिमामयी नेताओं की उपस्थिति इस अधिवेशन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगी।
जमशेदपुर से मुकेश मित्तल के नेतृत्व में पूर्वी सिंहभूम ज़िले के लगभग 100 प्रतिनिधि अधिवेशन में भाग लेंगे। इनमें से 50-60 सदस्य एक दिन पूर्व ही धनबाद पहुँचेंगे, जबकि शेष अधिवेशन के दिन शामिल होंगे।
पूर्वी सिंहभूम जिला सम्मेलन सदैव सामाजिक सेवा, युवाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने और संगठन को मजबूत करने में अग्रणी रहा है। इस अधिवेशन को लेकर भी प्रतिनिधियों में उत्साह और प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
कार्यक्रम का आयोजन स्थल राजविलास रिसॉर्ट को अधिवेशन की गरिमा के अनुरूप सजाया गया है। सुबह 10 बजे से आरंभ होने वाले इस कार्यक्रम के लिए स्वागत, भोजन, आवास और बैठक की समुचित व्यवस्था की गई है।
यह अधिवेशन केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को जोड़ने और आपसी संवाद को सशक्त करने का मंच बनेगा। अध्यक्ष मुकेश मित्तल लगातार विभिन्न शाखाओं, महिला मंडल, युवा प्रतिनिधियों और वरिष्ठजनों को प्रेरित कर रहे हैं कि वे इस आयोजन का सक्रिय हिस्सा बनें।
झारखंड भर से अब तक 500 से अधिक सदस्य ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। आयोजन समिति ने व्यवस्था की सुचारुता बनाए रखने हेतु पंजीकरण को अनिवार्य बताया है। प्रतिभागियों से आग्रह किया गया है कि वे अपने मित्रों व परिवारजनों को भी पंजीकरण हेतु प्रेरित करें।
अधिवेशन का प्रमुख आकर्षण होगा झारखंड प्रांत के नव-निर्वाचित अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल का शपथग्रहण। यह क्षण संगठन को नई ऊर्जा, नेतृत्व और मार्गदर्शन प्रदान करेगा। पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधि इस ऐतिहासिक पल में पूर्ण गरिमा से शामिल होंगे।
सम्मेलन में युवा सशक्तिकरण, महिला सहभागिता, समाज सेवा, डिजिटल युग में संगठन की भूमिका और व्यावसायिक अवसरों पर विशेष सत्र आयोजित होंगे। पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधि इन सत्रों में अपने अनुभव और सुझाव साझा करेंगे।
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