
जमशेदपुर: सावन की अंतिम सोमवारी पर जयदा बूढ़ा बाबा मंदिर, चांडिल अनुमंडल में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही मंदिर परिसर ‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयघोष से गूंज उठा। भक्तों की कतारें एनएच-33 टाटा-रांची मुख्य सड़क होते हुए सुवर्णरेखा नदी घाट तक फैल गई थीं।
मंदिर का पौराणिक महत्व
चांडिल क्षेत्र में स्थित जयदा बूढ़ा बाबा मंदिर सावन के दौरान विशेष रूप से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होता है। यहाँ स्थित प्राचीन शिवलिंग के साथ-साथ माता पार्वती, भगवान हनुमान और नंदी की मूर्तियाँ भी विराजमान हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम, लक्ष्मण और सीता ने वनवास के समय सुवर्णरेखा नदी के किनारे विश्राम किया था।
श्रावणी सोमवारी की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले से सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की थी। कांवरिया रूट पर पुलिस बल तैनात किया गया, वहीं नदी घाट पर भी विशेष निगरानी रखी गई ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
लाखों श्रद्धालुओं ने मंदिर में गंगा जल से जलाभिषेक कर बाबा का आशीर्वाद लिया। इस दौरान दलमा/जयदा सेवा संघ की ओर से श्रद्धालुओं के बीच सूजी का हलवा प्रसाद रूप में वितरित किया गया। सभी व्यवस्थाएं शांतिपूर्ण और भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुईं।
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