बहरागोड़ा: बहरागोड़ा और आसपास के करीब एक हजार कृष्ण भक्तों ने 16 दिनों की कठिन यात्रा पूरी कर मंगलवार को पुरी धाम पहुंचकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए। भक्तों ने लगभग 400 किलोमीटर की पदयात्रा की, जिसका नेतृत्व गोपीबल्लापुर के महंत श्री श्री केशवानंद देव गोस्वामी कर रहे थे। यात्रा में श्री चैतन्य महाप्रभु के चरण पादुका भी साथ रखी गईं।
पुरी पहुंचने पर भक्तों का भव्य स्वागत हुआ। इसके बाद सभी ने महंत महाराज के साथ मिलकर भगवान जगन्नाथ की विशेष पूजा-अर्चना की। इस यात्रा को अंतर्राष्ट्रीय श्री श्री श्याम नंदी वैष्णव परिषद का सहयोग प्राप्त था।
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यात्रा उस पवित्र मार्ग से होकर गुजरी, जिस पर करीब 500 साल पहले स्वयं श्री चैतन्य महाप्रभु, जगद्गुरु श्री श्री श्यामानंद प्रभु और भगवान श्री रसिकानंद मुरारी ने भी पदयात्रा की थी। भक्तों ने रास्ते में कई ऐतिहासिक देवस्थानों और तीर्थों पर रुककर दर्शन किए।
जयपूरा निवासी नित्यानंद दास ने बताया कि भक्त पुरी में अगले तीन दिनों तक विभिन्न मंदिरों की परिक्रमा करेंगे। इसके बाद, अगला पड़ाव पुरी से 200 किलोमीटर दूर वामन देव मंदिर होगा, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने हाथी को पंचम संस्कार का ज्ञान दिया था।
यात्रा के दौरान ट्रस्ट ने भोजन, पानी और चिकित्सा जैसी सुविधाओं का प्रबंध किया। संकीर्तन और भक्ति रस से सराबोर इस यात्रा ने पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक माहौल बना दिया। यह पदयात्रा भक्तों के लिए सिर्फ एक सफर नहीं, बल्कि गहरा आध्यात्मिक अनुभव साबित हुई।
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