दरभंगा: बिहार की राजनीति में आज बड़ा उलटफेर हुआ है। दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव ने पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने भाजपा नेतृत्व पर पिछड़ों का अपमान करने और अहंकार में डूबे रहने का गंभीर आरोप लगाया है।
पत्रकारों से बात करते हुए मिश्रीलाल यादव ने कहा, “भाजपा अब पिछड़ों का सम्मान नहीं करती। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व घमंड में चूर है। जनता इन्हें सबक सिखाएगी। मैंने 2020 में अलीनगर में भाजपा का परचम लहराया था, जहां पिछले 30 सालों से एनडीए का कोई विधायक नहीं रहा। इसके बावजूद पार्टी ने मेरा अपमान किया।” उन्होंने कहा कि लगातार प्रताड़ना और उपेक्षा झेलने के बाद अब भाजपा में रहना उनके जैसे “स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए असंभव” हो गया है।
मिश्रीलाल यादव ने स्पष्ट किया कि वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा पत्र सौंपने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा भी — चाहे किसी भी पार्टी से क्यों न लड़ना पड़े।” हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वे आगे किस दल से जुड़ेंगे, लेकिन कहा कि वे “सेकुलर सोच” वाले व्यक्ति हैं और किसी “सेकुलर पार्टी” से जुड़ सकते हैं।
दरभंगा के अलीनगर विधायक मिश्रीलाल यादव को 27 मई 2024 को एक पुराने मारपीट मामले में दो साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया और 20 जून को उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। हालांकि हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद 18 जुलाई को अदालत ने सदस्यता रद्द करने का आदेश निरस्त कर दिया, जिसके बाद 23 जुलाई को सदस्यता बहाल हो गई।
मिश्रीलाल यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से चुनाव लड़ा था। तब वीआईपी एनडीए का हिस्सा थी। 2022 में पार्टी टूटने के बाद, वे भाजपा में शामिल हो गए थे। हाल ही में वे राजद नेताओं के संपर्क में दिखे, लेकिन तब उन्होंने इन खबरों का खंडन किया था और कहा था कि “मैं भाजपा में हूं और वहीं रहूंगा।”
अब उनके इस्तीफे के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि अलीनगर की सियासत में फिर से बड़ा बदलाव होने वाला है।