
चाईबासा: भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की चाईबासा शाखा द्वारा राष्ट्रीय इप्टा के 82वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को मेरी टोला सहित शहर के विभिन्न नुक्कड़ों पर नुक्कड़ नाटक और जनगीतों के माध्यम से सामाजिक सरोकारों को स्वर दिया गया. इस अवसर पर प्रसिद्ध व्यंग्यकार ज्ञान चतुर्वेदी द्वारा लिखित नाटक “डरा हुआ आदमी” का मंचन किया गया, जिसका निर्देशन और अभिनय वरिष्ठ रंगकर्मी दिनकर शर्मा ने किया.
आम आदमी के डर और दर्द को मंच पर उतारा
नाटक के माध्यम से यह दर्शाया गया कि किस प्रकार मल्टीनेशनल कंपनियों के आगमन, बाजारवाद के प्रभाव, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कुशासन ने आम आदमी को भयभीत और असहाय बना दिया है. नाटक ने यह संदेश दिया कि
“अब वक्त है डर को तोड़कर, अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करने का।”
दीप यात्रा और जनगीतों के साथ दिया गया सामाजिक संदेश
कार्यक्रम में परवेज आलम और उनके साथियों ने जनगीतों के माध्यम से भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण की प्रेरणा दी. दीप प्रज्ज्वलन के बाद “प्यार मोहब्बत से हर दिल में हम अलख जगाने आए हैं” गीत की गूंज ने पूरे माहौल को उम्मीद और भाईचारे से भर दिया. इस सांस्कृतिक आयोजन के माध्यम से शांति, समता और न्याय आधारित समाज की परिकल्पना को मंच पर जीवंत किया गया.
इप्टा के कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी
इस आयोजन में इप्टा चाईबासा के संस्थापक सदस्य तरुण मोहम्मद, सचिव संजय चौधरी, दिनकर शर्मा, परवेज आलम, अनुराग शर्मा, देवेंद्र मिश्रा, शीतल सुगंधिनी बागे, राज किशोर साहू, विक्रम राम, पप्पू मछुआ, महेश राम रवि, शिव शंकर राम, राजू प्रजापति, श्यामल दास, अनू पूर्ति, खुशबू राम, गिरीश दोदराजका, सुमन गोप, चमरू कारवा, राजेश कुमार, रॉबिंस कुमार सहित अन्य कलाकारों और आमंत्रित अतिथियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.
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