
जादूगोड़ा: झारखंड में एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) द्वारा बालू उठाव पर रोक लगाए जाने के बावजूद UCIL (यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) जादूगोड़ा इकाई में भारी मात्रा में बालू की आपूर्ति जारी है. प्रशासन को नजरअंदाज करते हुए ठेकेदार रोजाना 12-चक्का हाइवा से तय सीमा से अधिक, 40 टन तक बालू ढुलाई कर रहे हैं ताकि कंपनी में बालू की कोई कमी न हो.
ठेकेदार और प्रबंधन की मिलीभगत?
सूत्रों के अनुसार, UCIL प्रबंधन को मोटी रकम लेकर बालू आपूर्ति की जा रही है, जिससे सरकारी राजस्व को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. एक महीने पहले UCIL स्टोर के एक अधिकारी ने बिना चालान के बालू खाली करने पर ठेकेदार को फटकार लगाई थी. इसके बाद ठेकेदार ने गलती स्वीकारते हुए आगे से दस्तावेज उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब भी बालू की आपूर्ति में अनियमितता जारी है.
भारी वाहनों से गिरा मुख्य द्वार का फॉल्स सीलिंग
भाजपा जिला मंत्री रोहित सिंह परमार ने यूसिल में नियमों की अनदेखी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में बालू उठाव पर रोक के बावजूद UCIL में अवैध रूप से ओवरलोड वाहनों से बालू की आपूर्ति हो रही है. भारी वाहनों के कारण कुछ दिन पहले UCIL जादूगोड़ा के मुख्य द्वार का फॉल्स सीलिंग गिर गया, जो प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है.
CISF का क्या कहना है?
यूसिल के अधीन कार्यरत CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के सतर्कता अधिकारी ने बताया कि बालू लदे वाहनों को गेट पर रोका जाता है, लेकिन यूसिल के संबंधित अधिकारियों के लिखित आदेश पर उन्हें अंदर जाने दिया जाता है. बिना वैध दस्तावेजों के कोई भी वाहन परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता.
CMD ने दिए जांच के आदेश
जब UCIL के CMD डॉ. संतोष कुमार सतपती को इस मामले की जानकारी दी गई, तो उन्होंने विस्तृत जांच कराने और आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. अब देखना यह होगा कि क्या अवैध बालू आपूर्ति पर रोक लगेगी या फिर यह खेल जारी रहेगा?
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