
धनबाद: धनबाद जिला अंतर्गत निरसा विधानसभा क्षेत्र के पांडरा गांव स्थित उर्दू मध्य विद्यालय के छात्र-छात्राएं इन दिनों भय के साये में पढ़ाई कर रहे हैं। इस विद्यालय का भवन 1941 ईस्वी में निर्मित हुआ था और आज उसकी हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि किसी भी क्षण बड़ा हादसा हो सकता है।
गर्मी की छुट्टियों के दौरान विद्यालय की एक कक्षा में छत का छज्जा गिर गया। सौभाग्य से छुट्टियों की वजह से कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यदि यह घटना शिक्षण अवधि में होती, तो गंभीर जानमाल की क्षति से इनकार नहीं किया जा सकता था।
छात्रों में लगातार भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। अभिभावकों में भी चिंता गहराती जा रही है कि कब तक वे अपने बच्चों को ऐसी असुरक्षित इमारत में भेजते रहेंगे।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि इस समस्या को लेकर वे कई बार जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और राज्य सरकार से मरम्मत की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। उनका कहना है कि भवन की जर्जरता के कारण कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है, जिससे बच्चों की पढ़ाई ही नहीं, बल्कि उनकी जान भी खतरे में है।
पूर्व मुखिया रॉबिन धीवर ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “एक ओर सरकार उच्च शिक्षा और डिजिटल स्कूलों की बातें करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर बुनियादी सुरक्षा तक उपलब्ध नहीं है। पांडरा जैसे गांवों में स्कूल भवनों की स्थिति सरकार की प्राथमिकता को उजागर करती है।”
धीवर ने यह भी कहा कि उन्होंने खुद भी कई बार सरकार, विभाग और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है, परंतु स्थिति आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है।
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